पुलिस का रडार बनेगा “नफीस” , बच नहीं पाएंगे अपराधी
देवरिया। पुलिस विभाग में इसी माह के अंत तक एक सॉफ्टवेयर काम करना शुरू कर देगा। नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम नामक साफ्टवेयर तैयार किया है। इसे शार्ट में “नफीस” कहा जा सकता है। नफीस एक ऐसा रडार साबित होने जा रहा जिससे कोई अपराधी बच नहीं सकता। ‘नफीस’ के जरिये पुलिस को यह तय करने में भी देरी नहीं लगेगी कि जिसे पकड़ा गया है वह किस स्तर का अपराधी है।
बदमाश जब पकड़े जाएंगे तो ‘नफीस’ के सामने ले जाया जाएगा। अपराधियों के फिंगरप्रिंट के साथ उनका पूरा डाटा उपलब्ध रहेगा। अभी तक पुलिस बदमाशों का फोटो लेती थी लेकिन ‘नफीस’ में उनका फिंगर प्रिंट स्कैन कर रखा जाएगा, इससे कभी भी कहीं भी उसकी असल पहचान तय हो सकेगी। अपने कस्बे में सराफत का चोला ओढ़कर दूसरे शहर में अपराध करने वाले अब बच नहीं सकते हैं।