संयुक्त जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की तलाश में भटकते रहें मरीज,दो घण्टे बाद भी नहीं पहुंचे डॉक्टर
कौशाम्बी। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारे जाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर जिला अधिकारी बार-बार कठोर निर्देश जारी कर रहे हैं लेकिन लापरवाह चिकित्सकों पर सीएम डीएम के निर्देश का तनिक भी असर नहीं दिखाई पड़ रहा है जिसका खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं सीएमएस से गठजोड़ के चलते डीएम के फरमान को भी चिकित्सकों ने सिरे से नकार दिया है। सोमवार को डीएम सुजीत कुमार ने चिकित्सको को तैनाती स्थल में रात्रि निवास का निर्देश दिया था। लेकिन दर्जनों चिकित्सक रात्रि निवास तो दूर समय से अस्पताल पहुंचने से भी गुरेज कर रहें है बुधवार को मरीज डॉक्टरों के कक्ष के बाहर इंतजार कर रहें थे। लेकिन दस बजे तक महज दो चिकित्सक ही अस्पताल में पहुंचे थे लापरवाही का आलम यह दिखा कि सीएमएस खुद अपने कक्ष से नदारत थे।
सोमवार को जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने टास्क फोर्स की बैठक में सभी अफसरों व चिकित्सकों को तैनाती स्थल में ही रात्रि निवास का फरमान दिया था। लेकिन मंझनपुर जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर डीएम के निर्देश का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। बुधवार सुबह 10 बजे सैकड़ों मरीज इलाज के लिए जिला अस्पताल में डॉक्टरों का इंतजार कर रहें। लेकिन अस्पताल में केवल एक बाल रोग विशेषज्ञ ही मौजूद था। फिजीशयन,महिला रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग चिकित्सक, नाक,कान,सर्जन सहित सभी चिकित्सकों के रूम खाली पड़े थे। सैकड़ों मरीज इलाज के लिए चिकित्सकों के कक्ष के बाहर इंतजार कर रहे थे। लेकिन एक बाल रोग चिकित्सक के अलावा सभी चिकित्सकों की कुर्सी खाली पड़ी थी। आरोप है कि ज्यादातर चिकित्सक प्रयागराज से आते है। इससे 11 बजे के पहले अस्पताल नहीं पहुँचते है। जबकि भीषण गर्मी के चलते शासन ने सुबह 8 से 2 बजे तक डॉक्टरों के बैठने का टाइम निर्धारित कर रखा है। लोगों का कहना है कि चिकित्सकों के आने का टाइम तो नहीं फिक्स है लेकिन 2 बजते ही चिकित्सक उठकर चल देते हैं। सूत्रों की माने तो अस्पताल में यही हाल रोज बना रहता है। अधिकांश चिकित्सकों हफ्ते में दो दिन ही आते है। कई एक दिन में ही महीने भर की हाजरी लगाकर गायब हो जाते है जिला अस्पताल के लापरवाह चिकित्सकों पर डीएम से लेकर सीएम तक के आदेश का असर नहीं पड़ रहा है।