देवरिया

देवरिया जिले में भाजपा से निकाले गए डेढ़ दर्जन बागी

जिला पंचायत चुनाव: भाजपा प्रत्याशियों की राह में रोड़ा बने डेढ़ दर्जन बागी पार्टी से निष्काषित

देवरिया। जिला पंचायत चुनाव में सत्ताधारी दल भाजपा के बागियों ने पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के नाकों में दम कर दिया है। कई जगह तो भाजपा के बागी प्रत्याशी पार्टी समर्थित प्रत्याशी से भारी पड़ रहे हैं। बागियों को पहले मनाने का प्रयास किया गया। जब वे नहीं माने तो प्रेदश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष डॉ अंतर्यामी सिंह ने जिले में लगभग डेढ़ दर्जन बागी प्रत्याशियों को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया।
पार्टी से निकाले गए बागियों का कहना है कि टिकट बंटवारे में जब जमीनी कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी गयी तो उन्होंने बागी बनकर लड़ना ही उचित समझा। जितने के बाद निष्काषन का महत्व दिखेगा कि क्या वास्तव में पार्टी 6 वर्ष तक वापसी नहीं करायेगी? बागियों ने यह भी कहा कि जिन्हें टिकट दिए हैं उन्हें जिता कर दिखाएं। वोट तो जनता को देना है, पार्टी के पदाधिकारी वोट बैंक नहीं रखे हैं। भाजपा के अतिरिक्त सपा और बसपा से भी बगावत कर कई जिला पंचायत प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें केवल झंडा-बैनर के इस्तेमाल पर रोक लगाया गया है।
भाजपा अपनी स्वच्छ छवि और अनुशासन को कायम रखने के उद्देश्य से देवरिया जिले में लगभग डेढ़ दर्जन पार्टी कार्यकर्ताओं को 6 वर्ष के लिए बाहर किया है। पार्टी से बाहर किये गए भाजपा कार्यकर्ताओं में शत्रुघ्न चौहान, विजेंदर कुशवाहा, दयाशंकर कुशवाहा, पवन गुप्ता, अजित सिंह, अखिलेश मिश्र, शैलेश मद्देशिया, वृजेश धर दुबे, गोविंद कुशवाहा, शौर्य कुमार सिंह, मूरत मल्ल, विनोद गौड़, संजय वर्मा, प्रमोद सिंह, उपेंद्र तिवारी आदि हैं।
देखना दिलचस्प होगा कि जब जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होगा तो क्या उक्त बागियों में से जीत कर जाने वाले जिला पंचायत सदस्यों से वोट की अपेक्षा की जाएगी या उन्हें तब भी किनारे ही रखा जाएगा।
संवाददाता क्राइम 24

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