खखरेरू / फतेहपुर ::-
रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है रक्षाबंधन भाई बहनों का त्योहार जो हिंदुओं में प्रचलित है इसे भारत के सभी धर्म के लोग बड़े ही उत्साह और भाव से मनाते हैं यह त्यौहार भाई का बहन के प्रति प्यार का प्रतीक है जो कि रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती हैं उनका तिलक करती हैं और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेते हैं इस दिन बाजारों में मिठाइयां और राखियां को खरीदने के लिए काफी उत्साह से लोग मिठाई एवं राखियां खरीदते हैं जिसमें कि रक्षाबंधन के लिए एक शुभ मुहूर्त होता है जिसमें कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता इसी कारण भद्रा के समय रक्षा सूत्र नही बांधी जाती हैआप को बताते चलें कि पुरानी मान्यता के अनुसार रावण की बहन ने भद्राकाल में रावण को राखी बांधी थी इसी के प्रभाव से उसके पूरे कुल का विनाश हो गया जिसमें कि 30 अगस्त को रात 9:01 बजे से लेकर 9:05 तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बताया गया जिसमें की रक्षाबंधन के दिन प्रदोष काल में भद्रा कुछ समय शाम 5:30 से 6:31 तक के बीच रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है इसके अलावा भद्रा समाप्त हो जाने पर रात 9:01 से 9:05 के बीच राखी बांधी जा सकती है और सूर्यास्त के बाद राखी बांधी नहीं जाती इसके चलते 30 अगस्त को राखी बांधने से अच्छा है कि 31 अगस्त को राखी बांधी जाए जिसमें की 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 7मिनट से पूर्णमासी की तिथि के अनुसार राखी बांधने का शुभ मूहुर्त रहा है
Crime24hours/संवाददाता राज विश्वकर्मा