सम्भल।
संभल मौहल्ला कोट गर्बी स्थित एम जी एम कालेज के उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी के आवास पर एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ नसीम उजजफर ने की इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने कहा कि उनके विद्यार्थी ही नहीं बल्कि समाज का हर व्यक्ति उनसे प्यार करता था । वह अपने विद्यार्थियों के लिए हमेशा एक अच्छे शिक्षक के रूप में नजर आते थे ।उन्होंने प्रेमचंद पर हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में काम करके अपनी विद्वता का परिचय दिया। साथ ही उन्होंने अपने शोध पत्र में दबिस्तान ए इश्क की मरसिया गोई के द्वारा अनीस और दबीर के अतिरिक्त एक नए दबिस्तान से उर्दू पाठकों को अवगत कराया।
डॉ रिजान अनवर ने कहा के स्वर्गीय प्रोफेसर जाफर का नाम प्रेमचंद सनाश में सर्वोच्च स्थान रखता है। तनवीर अशरफी ने कहा कि उनकी किताब दबिस्तान इश्क की मरसिया गोई के जरिए हमने मरसिए की अजमतों को जाना।
शफीक बरकाती ने कहा कि वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक आदर्श शिक्षक थे, उन्होंने उर्दू को हिंदी वालों से भी परिचित कराया
फरमान अब्बासी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जहां वह एक अच्छे लेखक थे वही एक बेहतरीन इंसान थे। प्रोफेसर जाफर के इंतकाल को उर्दू अदब का बड़ा नुक़सान करार देते हुए कहा कि ऐसे उस्ताद कहां है जिन्होंने उर्दू अदब की बे लौस सेवा की है। डॉ नसीम उजजफर ने कहा एक पत्रकार के रूप में भी उनकी सेवाओं को सदैव स्मरण किया जाएगा। क्यों की उन्होंने सबखून जैसे रिसाले में संपादक के रूप में कार्य किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ ज़ीनत फातमा ने किया अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष ने अपने व्यक्तिगत संबंधों का जिक्र करते हुए उन्हें एक बेहतरीन इंसान बताया।
संवाददाता सुलेन्द्र सिंह की रिपोर्ट