गुणवत्ता एवं ओवरलोड वाहनों के चलते बेलावां से सलेमपुर चौराहा तक गड्ढों में तब्दील सड़कें
बारिश के दिनों ग्राम वासियों का आना जाना हुआ बाधित
ट्रैक्टर ही मात्र एक सहारा
खागा (फतेहपुर) धाता विकास खंड क्षेत्र के बेलावा से सलेमपुर चौराहा जाने वाली सड़क बालू से भरे ओवरलोड वाहनों के चलते गड्ढों में तब्दील हो गई। जिससे आने जाने वाले राहगीरों व क्षेत्रवासियों को बरसात के दिनों में लगभग 3 किलोमीटर लंबी सड़क तक आने जाने में दर्जनों गांवों के ग्राम वासियो को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
खागा तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड धाता अन्तर्गत यमुना नदी के घाटों से निकालने वाला लाल सोना के चलते ओवरलोड वाहनों से सड़कों की स्थिति इतनी खराब वरदानी हो गई है कि सलेमपुर,खरसेडवा,बेलाई,बेलावां,उरई,परवेजपुर,लिहाई,शुकुलपुर आदि ग्राम वासियों को मोटरसाइकिल व साइकिलों से बारिश के दिनों में निकलना दूभर हो गया है। और विडंबना यह है कि इन घाटों से उत्तर प्रदेश सरकार को अरबों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन सड़कें टूट जाने पर इन सड़कों को गड्ढों में तब्दील हो जाने के बाद तत्काल मरम्मत न होने के कारण यमुना किनारे बसे ग्राम वासियों को इसका दंश झेलना पड़ रहा है ।और बारिश के 4 महीनों के लिए गांव से बाहर आना-जाना व रिश्तेदारों का बंद हो जाता है। और ग्राम वासियों को समस्या तब उत्पन्न हो जाती है जब कोई बीमार होता है। इन गड्ढों में बारिश के चलते मोटरसाइकिल व साइकिलों का पहिया डूब जाता है। और निकलना मुश्किल हो जाता है। सिर्फ टैक्टर ही एक सहारा होता है ।
सलेमपुर गांव निवासी किसान रणधीर सिंह ने बताया कि साल बालू के ओवरलोड ट्रैक्टर और ट्रकों के दिन रात चलने से सड़क कितनी खराब हो गई है ।इस मार्ग से बेलाई,बेलावां खरसेड़वा, शुकुलपुर निहाई आदि गांवों के ग्राम वासियों का निकलना दूभर हो गया है ।और उन्होंने बताया कि समाचार के माध्यम से मुख्यमंत्री या परिवहन मंत्री द्वारा उपयुक्त समय पर यह जरूर सुने को मिलता है कि 2 महीने के अंदर प्रदेश में सभी सड़कें गड्ढा मुक्त कर दी जाएं । यह अन्यथा विभाग के अधिकारियों के ऊपर सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन ग्रामीण लोग यह नहीं जान पाते कि कहां पर सड़के गड्ढा मुक्त हो रही हैं ।और किन अफसरों के ऊपर कार्यवाही की गयी।तथा इन्होंने बताया कि इन मार्गों पर ओवरलोड गाड़ियों की जांच अधिकारियों व पुलिस द्वारा कभी नहीं की जाती ।और दिन रात बराबर ओवरलोड गाड़ियां चलती रहती हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट