टिश्यू कल्चर केला के अनुदान में खेल, जांच शुरू
फतेहपुर : उद्यान विभाग में टिश्यू कल्चर केला की पौध के अनुदान में बड़ा खेल करने का मामला उजागर हुआ है। अनुदान का पैसा हड़पने की साजिश में एक कंपनी के फर्जी बिल वाउचर तैयार कराए गए। ब्लाक के अधिकारियों से दबाव बनाकर उन्हें पौधे आपूर्ति करने का सत्यापन कराया गया। शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंचने पर जांच शुरू हो गई है। वित्त नियंत्रक उद्यान की टीम ने टिश्यू कल्चर केला का पौधा लेने वाले किसानों के बयान के साथ सत्यापन करने वाले ब्लाक अधिकारियों से पूछताछ की। 37.50 लाख का मिला अनुदान
टिश्यू कल्चर केला की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर किसानों को प्रति पौधा 9.96 रुपये का अनुदान दिया जाता है। जिले में वर्ष 2020-21 में 125 हेक्टेअर में टिश्यू कल्चर केला की पौध लगाने का लक्ष्य दिया गया था। किसानों को 30 हजार 738 रुपये प्रति हेक्टेअर के अनुदान पर लगभग 37 लाख का अनुदान दिया गया। किसानों की शिकायत यह है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत यह अनुदान विभाग ने एक कंपनी के फर्जी बिल लगाकर ऐसे किसानों को दे दिया है जो टिश्यू कल्चर के केला की खेती ही नहीं किए हुए है। सीएम को भेजे शिकायती
• वित्त नियंत्रक उद्यान की टीम ने किसानों के लिए बयान
• एक कंपनी के फर्जी बिल सत्यापित कराने की शिकायत
• टिश्यू कल्चर केला के पौधा के अनुदान पर घपलेबाजी की शिकायत पूरी तरह से निराधार है। मामले की जांच कर रहे वित्त नियंत्रक को पौधा उठान से लेकर खेत में फसल तक के साक्ष्य दिए जा रहे हैं। कहा कि किसानों ने जिस कंपनी के बिल लगाए है उसी आधार पर भुगतान उनके खाते में किया गया है।
इंद्रमणि यादव, योजना प्रभारी / उद्यान निरीक्षक
किसानों के नाम फर्जी बिल बनाने शिकायत की गई है। कहा कि ब्लाक की शिकायत की गई है। पीएमं कृषि स्तर पर अधिकारी तैनात होने के बाद सिंचाई योजना की शिकायत उद्यान विभाग के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आलू व लहसुन के बीज वितरण, पैक हाउस निर्माण में हेराफेरी करने की
भी विभाग ने जिले के एक अधिकारी
से ही सत्यापन कराया जाता है। ड्रिप
सिंचाई में मिलने वाले 90 फीसद
अनुदान में क्षेत्रफल ज्यादा दिखाकर
किसान को सामान कम दिया जाता है।
भिटौरा क्षेत्र में केला की तैयार फसल
पत्र में कहा कि विभाग फर्जी सत्यापन कर अनुदान के रुपये का बंदरबांट किया गया है। शिकायत में नौगांव, कैथपुरवा, अलीपुर मजरे महादेवपुर, मुस्तफापुर, लालीपुर, औरंगाबाद
ब्यूरो रिपोर्ट