गोरखपुर,
उत्तर प्रदेश/ संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल विधानसभा से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के गोरखपुर स्थित आवास पर सोमवार को सीबीआई ने छापा मारा। विधायक के छोटे भाई ठेकेदार अखिलेश सिंह बघेल की फर्म मेसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर का नाम रिवर फ्रंट घोटाले में आने पर सीबीआई की टीम सुबह करीब 9 बजे विधायक के आवास पर पहुंची। विधायक के आवास के पते पर ही उनके भाई की फर्म रजिर्स्ड है। टीम ने रिवर फ्रंट से जुड़े दस्तावेजों की तलाश की। टीम करीब सात घंटे तक विधायक के आवास पर मौजूद रही। जिस वक्त छापा पड़ा विधायक और उनके छोटे भाई अजय सिंह घर पर ही मौजूद थे जबकि अखिलेश सिंह लखनऊ में थे।
सपा सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में यह केस सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था। सीबीआई ने जांच के बाद अपने यहां भी केस दर्ज किया था। इसी मामले में सोमवार को प्रदेश के 13 जिलों के 42 ठिकानों पर सीबीआई ने एक साथ छापेमारी शुरू कर दी। जिसमें गोरखपुर भी शामिल है। अखिलेश सिंह बघेल की फर्म मेसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर के गोरखपुर स्थित रजिर्स्ड पते की तलाश सीबीआई ने शुरू की तो पता चला कि यह पता विधायक राकेश सिंह बघेल के गोरखपुर के राप्तीनगर गणेशपुरम मोहल्ले में स्थित आवास का है। अखिलेश सिंह बघेल उनके छोटे भाई हैं।
रविवार की शाम को ही गोरखपुर आ गई थी सीबीआई
सीबीआई की टीम रविवार की शाम को ही अपने गोपनीय मिशन में गोरखपुर पहुंच गई थी। सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट की पांच सदस्यीय टीम इंस्पेक्टर रोहित कैथवाल के नेतृत्व में गोरखपुर आ गई थी। रात में रेलवे गेस्ट हाउस में टीम रुकी थी और सोमवार की सुबह करीब 9 बजे एक साथ टीम ने छापे की कार्रवाई शुरू की।
विधायक राकेश सिंह बघेल के छोटे भाई हैं अखिलेश
संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल के बखिरा के मूल निवासी ठेकेदार अखिलेश सिंह बघेल तीन भाई हैं। उनके बड़े भाई राकेश सिंह बघेल मेंहदावल से भाजपा विधायक हैं। छोटे भाई अजय सिंह बघेल विद्यालय और कोचिंग सेंटर चलाते हैं। गुलरिहा इलाके में उनका एक विद्यालय है जबकि गोलघर में कोचिंग। अखिलेश के पिता मुकुंद सिंह बघेल पीडब्ल्यूडी में जेई पद से रिटायर्ड हैं। गोरखपुर के राप्तीनगर, गणेशपुरम में मकान बनवा कर करीब 30 साल से इनका परिवार रहता है। सभी भाई अभी संयुक्त रूप से ही रहते हैं। सीबीआई छापेमारी में विधायक की भूमिका की पुष्टि नहीं हो पाई है। सीबीआई टीम के अतुल दीक्षित ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। उनका कहना है कि जांच चल रही है।
विधायक के भाई के इन ठिकानों पर भी छापेमारी
विधायक के भाई अखिलेश कुमार सिंह के तीन ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। इसमें अखिलेश कुमार सिंह का आवास परिसर, मैसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स के संयुक्त उद्यम मोहल्ला गणेशपुरम, राप्ती नगर, गोरखपुर तो है ही इसके अलावा दूसरा आवासीय/आधिकारिक परिसर, मेसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर डी-1215 स्थित पोस्ट ऑफिस से पहले, इंदिरा नगर, लखनऊ और तीसरा अखिलेश कुमार सिंह, मैसर्स रिशु के मालिक निर्माण अनमोल एसोसिएट्स संयुक्त उद्यम 3/522 विशाल खंड, शहर के पास मॉन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर, लखनऊ में भी छापेमारी बताई जा रही है।
पुरानी चेक बुक सहित अन्य दस्तोवज ले गई सीबीआई
विधायक राकेश सिंह बघेल ने बताया कि लखनऊ के गोमती नगर रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की टीम उनके आवास पर आई थी। उनके छोटे भाई अखिलेश की रिशु कंट्रक्शन के नाम से फर्म है। फर्म का रजिर्स्ड पता तब गोरखपुर स्थित इसी आवास का दर्ज था। वर्तमान में उनके भाई लखनऊ में रहते हैं। रिवर फ्रंट से लिंक एक कैनाल का अखिलेश ने 2014-15 में काम लिया था। तीन पार्टनर ने मिलकर तीस करोड़ का काम लिया था। करीब दस-दस करोड़ का काम एक-एक लोगों के हिस्से में आया था। काम की गुणवत्ता की जांच हो चुकी है। मनी लांड्रिंग की जांच भी हो चुकी है। ईडी की टीम भी ढाई साल पहले जांच करने आई थी। सीबीआई टीम मुख्य रिवर फ्रंट घोटाले की जांच में आई थी। मुख्य रिवर फ्रंट के हेड से उनके भाई के काम का भुगतान अधिकारियों ने किया था। रिशु फर्म से संबंधित पेपर, गाड़ियों के पेपर, इंश्योरेंस, पुराने चेक व अन्य दस्तावेज जो भी सीबीआई ने मांगा वह उन्हें उपलब्ध करा दिया गया।
मुख्य रिवर फ्रंट से जुड़े घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है और इसमें मेरे भाई का कोई लेना-देना नहीं है। जैसा कि मुझे पता है कि मुख्य रिवर फ्रंट से लिंक कैनाल के काम का भुगतान भी मुख्य रिवर फ्रंट के हेड से ही हुआ था इसलिए रिशु फर्म को भी जांच के दायरे में लिया गया है। मेरे भाई का घोटाले में कोई रोल नहीं है। सीबीआई की जांच में दूध का दूघ, पानी का पानी हो जाएगा। चिंता उन्हें होनी चाहिए जिन लोगों ने यह घोटाला किया है। सीबीआई ने जो भी मांगा, उन्हें उपलब्ध करा दिया गया है।
*राकेश सिंह बघेल, विधायक मेंहदावल*