देवरिया लार

सड़क के आवारा पशु से टकराने से गयी युवक की जान

देवरिया,

लार। योगी सरकार ने निराश्रित जानवरों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाईं। गो रक्षा के नाम पर बहुत स्वयं सेवी संस्थाएं भी काम कर रहीं। सरकार जगह जगह गो आश्रय खोली है। लाखों करोड़ों खर्च हुए। इन सबके बावजूद सड़कों पर आवारा जानवरों का विचरण बन्द नहीं हुआ। इसका कारण यह है कि नगर निगम या वन विभाग कभी भी अभियान चलाकर सड़कों पर विचरण करने वाले आवारा जानवरों को पकड़ कर गो सदनों में भेजवाने का कार्य नहीं किये। ऐसे में सड़क हादसे होते रहते हैं। लोगों की जान जाती रहती है। ऐसे ही एक आवारा बछड़े की टक्कर से घायल हुए बाइक सवार ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
गत 9 जून की देर रात सलेमपुर- लार मार्ग पर थाना गेट के समीप एक आवारा बछड़े से एक बाइक पर सवार दो युवक टकरा गए थे। सांड से टकराने के बाद दोनों युवक सड़क किनारे गिर कर गंभीर रूप से घायल हो हुए थे। दोनों घायलो का इलाज सीएचसी लार कराया गया था। जहां डॉक्टर ने उनका प्राथमिक उपचार कर दोनों युवको को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। लार थाना क्षेत्र के कोहरा गांव निवासी अभय कुमार 38 वर्ष पुत्र बैजनाथ व राजू 45 वर्ष एक ही बाइक से सलेमपुर से लार की तरफ आ रहे थे कि थाना गेट के समीप इनकी बाइक एक सांढ़ से टकरा गई। सांढ़ व बाइक की टक्कर में दोनों बाइक सवार अभय कुमार व राजू गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। दोनों युवकों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। जहां अभय की बिगड़ती हालत देखकर उसे गोरखपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था इलाज के दौरान अभय की मौत हो गई है। मृतक का शव रविवार की देर शाम जब घर पहुंचा तो पत्नी सीमा देवी व माता मराक्षी देवी समेत पूरे परिवार में चीख पुकार मच गई है। मृतक अभय की दो बेटियां व दो बेटे है। परिवार का जीवन यापन के लिए गांव में ही एक छोटे से किराने की दुकान से चलता था। अभय परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था। इस घटना के बाद पूरे परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा है।
प्रशासन को चाहिए कि सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़कर गो आश्रयों के हवाले कर लोगों की जान की सुरक्षा करें। नगर निगमों को भी इस प्रकार के मामले में ध्यान देने की जरूरत है।

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