दो दिन पूर्व घर से गायब हुए थे शुभम
देवरिया। जिले के लार में एक होनहार लॉयर और मुंसफ की तौयारी में लगे युवक की लाश घर से 4 किमी दूर छोटी गंडक नदी में मिली। मृतक दो दिन पूर्व अपने पैतृक घर के दरवाजे से गायब हुए थे। परिजन पुलिस को गायब होने की सूचना देने के साथ ही उनकी तलाश में लग गए थे। शुक्रवार को जब छोटी गंडक नदी की तरफ भैंस चरा रहे चरवाहों ने नदी में उतराई लाश देखी तो उसकी पहचान लार नगर पंचायत के भरटोलिया वार्ड निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह के पुत्र शुभम उर्फ शरद भूषण सिंह के रूप में हुई। मुकामी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शुभम की मौत के कारणों का खुलासा होगा।
लार कस्बे के भरटोलिया वार्ड निवासी अधिवक्ता रमेश कुमार सिंह के द्वितीय पुत्र शरद भूषण सिंह उर्फ शुभम सिंह, उम्र 25 वर्ष बुधवार को अपने दरवाजे पर हाफ पैंट और टी शर्ट पहन कर बैठे थे। देर शाम परिजन इन्हें भोजन करने के लिए बुलाने गए तो शुभम दरवाजे पर नही थे। परिजनों ने समझा कि आसपास कही टहलने गए होंगे, लेकिन जब देर रात तक वापस नहीं आये तो परिजनों की चिन्ता बढ़ गयी। लोग बेसब्री से युवक की तलाश शुरू कर दिये। सूचना स्थानीय पुलिस को देने के साथ ही सोसल मीडिया पर शुभम के गायब होने की पोस्ट डाल दी गयी थी। चिंता इस बात की थी कि सम्भ्रान्त परिवार का शुभम लोवर,टीशर्ट में कभी कस्बा में नहीं निकलते थे, अचानक इस प्रकार हॉफ पैंट और टीशर्ट में कहाँ चले गए।
दो दिनों से परिजन और शुभेच्छु शुभम की तलाश में परेशान थे। शुक्रवार की सुबह रावतपार रघेन के गंगाराम घाट के समीप शुभम की लाश मिली। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सबकी निगाहें पोस्टमार्टम पर टिकी हुई है।
पिता रमेश सिंह एडवोकेट के अनुसार शुभम लखनऊ से वकालत करते हुए मुंसफ की तैयारी कर रहा था। होली से कुछ दिनों पहले वह कोरोना की स्थिति को देखते हुए गांव आया था। युवक दो भाई व एक बहन में दूसरे नम्बर का था। बड़ा भाई शशांक भूषण दिल्ली एक कंपनी में प्राइवेट जॉब करता है। बहन आकृति सिंह गोरखपुर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती है। घटना की सूचना के बाद माँ मालती देवी, पिता रमेश सिंह सहित स्वजनों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे है। क्षेत्रवासियों में भी गम का माहौल है।