वाणी साहित्य संस्थान की कवि गोष्ठी सम्पन्न
खागा (फतेहपुर): तहसील गेट के सामने मोती महल में साहित्यकर डॅा. ब्रजमोहन पाण्डेय की अध्यक्षता में वाणी साहित्य संस्थान द्वारा कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का संचालन चर्चित लेखक अमित राजपूत तथा प्रायोजक रामगोपाल अग्रवाल रहे। जिन्होंने कवियों का तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर स्वागत किया। और गोष्ठी का शुभारंभ कवि प्रकाश चंद्र दुबे द्वारा वाणी वंदना गाकर किया गया। इसके बाद सभी कवियों ने बारी-बारी से काव्यपाठ किये।
वाणी साहित्य संसद सायन काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ करते हुए कवि अखिलेश स्वदेशात्मा ने अपनी रचना ‘मानसरोवर हो रहा बगुलों से गुलज़ार! हंस देखते हैं, खड़े उजड़ रहा संसार’ का पाठ किया।वहीं कवियित्री ज्योत्सना मिश्रा ने ‘खुद के अंदर खजाना भरा राम का, का पाठ किया।वही शायर दीपक भ्रमर ने अपनी रचना ‘मैं खुद में ही पूरा हूँ’ सुनाई।वही साहित्यकार डॉ. ब्रजमोहन पाण्डेय ने ‘गले जो एक हों गले मिलते, दो-गले क्या मिलेंगे होली में’ ।वही अमित राजपूत ने अपनी चर्चित कविता ‘परमेश्वरी’ के अलावा ‘जब बीती होरी आग लगी तन-मन में! लौ उठ रही धू-धूकर बढ़त जोबन में!! का पाठ किया।
इस अवसर पर इनके अलावा रामबाबू राउत, कमलेश सिंह, धर्मचन्द्र मिश्र ‘कट्टर’, रामचन्द्र सिंह और सरस जैसे कवियों ने भी अपना-अपना काव्यपाठ कर महफिल का समाँ बाँधा।
Crime24hours/ब्यूरो चीफ फतेहपुर राजेश प्रकाश सिंह