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महीनों ट्रांसफर होने के. बाद चकबंदी लेखपाल नहीं छोड़ रहा चार्ज

फतेहपुर ::-

लेखपाल के चार्ज नहीं छोड़ने से ग्रामीणों में काफ़ी आक्रोश

गरीबों / दलितों की बेशुमार क़ीमती सड़क के आगे की जमीन पीछे करके प्लाटरों के नाम करने का मिलता दस गुना रकम

☝????कहीं यही कारण से तो नहीं लेखपाल का मोह नहीं हो रहा भंग☝????

ग्रामीणों की माने तो लेखपाल के नहीं हटने से कई जमींनी विवाद फिर से गरमाये,*

तो वहीं सूत्रों के हवाले मिली जानकारी लेखपाल के कारण हो सकती है अप्रिय घटना,जल्द ही हो सकता है खुनी संघर्ष

तो क्या खागा तहसील प्रशासन कौशाम्बी / देवरिया जैसे कांड को दोहराना चाहता है??

ख़बर विस्तार —
बताते चलें कि खागा तहसील ऐराया विकास खंड क्षेत्र के मोहम्मद पुर गौती चकबंदी के अधीन ग्राम पंचायत होने के कारण जो भी लेखपाल की तैनादगी वो ग्राम पंचायत में जमकर गलत तरिके से खेला करता है। विगत दिनों गौती लेखपाल अनुपम शिवहरे की शिकायत होने के बाद तत्काल प्रभाव से हटा तो दिया गया। लेकिन शिकायत बध लेखपाल चार्ज छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। आखिर क्यों???

ज्ञात कराते चलें कि गौती पंचायत में कुल 28 पुरवा / छोटे गाँवो का जुड़ाव है, जिससे लेखपाल की कमाई काफ़ी अच्छी हो जाती है। सबसे बड़ी और खास बात यह है कि चकबंदी होने के कारण जो खतौनी का कारोबार है वो हाथों से अभिलेख तैयार होने का फायदा जमकर लेखपाल उठाते है। जिससे की प्रेमनगर टच मुग़ल रोड में करीब 4 किलोमीटर लगातार दोनों तरफ़ जमींने गौती के होने के कारण गरीब / दलित समाज के लोगों की आगे की जमीन पीछे करके काफ़ी अच्छी कमाई का जरिया बन गया है। प्लाटरों से एक नाप कराने के लिए 40 से 50 हजार रूपये मिलते है।जो कि इसी कारण से ट्रांसफर के बाद भी मोह नहीं छोड़ता है।

Crime24hours/संवाददाता सूरज कुमार सोनी

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