धाता /फतेहपुर धाता विकासखंड में भी योगी सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों में अरमान फेल होते नजर आ रहा है जहां की धाता विकासखंड में भी धाता से ही गुजरने वाली हिनौता रोड तक गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें राहगीरों की मुसीबत बन चुकी हैं बताते चलें कि क्षेत्र में मौरंग खनन माफिया करोड़ों का माल निगल कर चले गए हैं इसी रास्ते से ओवरलोड डंपर ट्रक व ट्रैक्टर फर्राटे भर कर निकलते थे जो कि सड़कों की धज्जियां उड़ गई हैं और अब क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व प्रशासन की आंखों में तो धूल सी जम गई है इससे पहले मोरम खदान से जमकर माल निगल गए हैं अब इनको कोई सड़क या रास्ते से लेना देना नहीं है धाता से हिनौता रोड की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है इस सड़क पर चलना कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बाइक से मात्र 10 किलोमीटर का सफर तय करने में 1 घंटे का समय लग जाता है और इस सड़क पर चलना जोखिम भरा हुआ है यह स्थिति तब है जब क्षेत्र के स्थानीय विधायक प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री हैं गड्ढा मुक्त सड़कों के तमाम सरकारी दावों के बावजूद क्षेत्र की सड़कों के हालत में सुधार नहीं है गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं इन सड़कों पर राहगीरों का चलना मुश्किल है आए दिन बाइक सवार और साइकिल सवार गड्ढों की वजह से गिरकर घायल हो जा रहे हैं धाता, सोनारी सड़क पर हर 5 मीटर की दूरी पर सड़क टूटकर गड्ढे की शक्ल बन चुकी है धाता, सोनारी, अढौली, बमरौली के पास इस सड़क की स्थिति काफी दयनीय है सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं जिससे भरा पानी राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं बारिश से सड़कों के किनारे जमा पानी टूटी हुई सड़क के ऊपर से बह रहा है अब तो इन सड़कों पर चलने से डर लगने लगा है इस सड़क से गुजरने वाले परिवार के सदस्य जब तक अपने घर वापस नहीं आ जाते चिंता लगी रहती है सड़क निर्माण में मानकों का ध्यान नहीं विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सड़कें मानक के अनुरूप नहीं बन पाती जिससे हल्की सी बारिश और वाहनों की आवाजाही से सड़कों की गिट्टी उखड़ जाती है अब देखना यह है कि क्षेत्रीय प्रतिनिधि इस पर ध्यान देते हैं या फिर इसी तरह गड्ढों से गुजरने की हिम्मत जुटानी पड़ेगी।