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संभल सदर बाजार में रास्ते में खड़ी मोटर सायकलों को प्रभारी ने फ्लैग मार्च के दौरान भिजवाया कोतवाली

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संभल सदर बाजार में रास्ते में खड़ी मोटर सायकलों को प्रभारी ने फ्लैग मार्च के दौरान भिजवाया कोतवाली

संभल- सदर कोतवाली पुलिस द्वारा बाजार में सुरक्षा के मद्देनजर फ्लैगमार्च किया गया। इस दौरान रास्ते मे जो वाहन आड़े तिरछे दिखाई दिए उन्हें कोतवाली भिजवा दिया गया।
बता दें कि बाजार में अतिक्रमण तो हटवा दिया गया है किंतु अभी भी लोग नही मानते अपनी मोटर साईकल आडी तिरछी सड़क की साइडों में लगा देते हैं, इससे आने जाने वालों को परेशानी होती है।
वहीं जब कोतवाली प्रभारी सूरज प्लाजा के पास पहुंचे तब मार्किट के बाहर कई मोटरसाइकिल देख कर रुक गए और इनके मालिकों को आवाज़ लगवाई गई। कुछ मोटर साईकल स्वामी तो आकर अपनी बाइक उठा कर ले गए लेकिन जो नही आ पाए उनके वाहनों को कोतवाली भिजवा दिया गया।
जिस समय मोटरसाइकिल कोटवाली भेजी जा रही थीं उसी समय उनके मालिक भी आ पहुंचे और बाइक छोड़ने का आग्रह प्रभारी से करने लगे लेकिन किसी की एक न चली प्रभारी ने इंकार कर दिया और कोतवाली भेज दिया।
लेकिन मज़े की बात ये थी कि प्रभारी के जाने के बाद फिर से बाइक वहां खड़ी होने लगी।
सवाल ये उठता है कि बाइकों के खड़ा होने का कारण क्या है और इसे किस प्रकार रोका जा सकता है। क्योंकि पहले काफी समय से लोग अपनी बाइके यहीं खड़ी करते आये हैं, अब जब तक यहां या तो कोई नोटिस या फिर किसी गार्ड को नही बैठाया जाता तब तक लोग जागरूक नहीं होंगे और लोग अपनी बाइकों के चालान यूं ही कटवाते रहेंगे।
इसीलिए अगर बाजार में मोटरसाइकिल या अन्य वाहन द्वारा जाम न लगे इसके लिए प्रशासन को जगह जगह नोटिस बोर्ड लगवाने होंगे या फिर किसी गार्ड की ड्यूटी मार्किट स्वामी या प्लाजा स्वामी को खुद ही लगवानी चाहिए। क्योंकि अनभिज्ञता के कारण जब किसी बाइक स्वामी की बाइक उठा ली जाती है तब उसे मानसिक कष्ट झेलना पड़ता है।
बता दें कि सूरज प्लाजा के निकट ही बाइक पार्किंग भी है। पार्किंग वाला सिर्फ 10 रुपये लेता है बाइक भी सुरक्षित और न ही कोई चालान कटने का डर।
लेकिन बाहर से आये लोगों को पता नही होता कि बराबर में कोई पार्किंग भी है, जिस कारण अपना चलन कटवा बैठते हैं।
बाहरहाल पुलिस को भी व्यवस्था बनानी होती है, लेकिन यदि अस्पताल के बाहर कोई गाड़ी खड़ी करता है और कोई मरीज़ उसके साथ है तब जानकारी करने के बाद सहानुभूति भी ज़रूरी है

संवाददाता सुलेन्द्र सिंह की रिपोर्ट

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