वेशभूषा किसी भी शख्स के शख्सियत की पहचान दिगम्बर मिश्र
प्रयागराज। बोलने से पहले ही वेशभूषा किसी भी शख्स के शख्सियत की पहचान बता देती है,उक्त बातें जन शिक्षण संस्थान प्रयागराज के निदेशक दिगंबर नाथ मिश्र ने शांती रमेश चंद्र महाविद्यालय करछना प्रयागराज के सभागार में कालेज के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा कि वेशभूषा एवं व्यक्तित्व निखार के लिए आज सेल्फ एंप्लॉयड टेलर तथा ब्यूटी एवं वैलनेस कोर्स की समाज में व्यापक जरूरत है, इन ट्रेडों में प्रशिक्षित युवा अपना स्वरोजगार आसानी से स्थापित कर लेते हैं। सदियों से हमारी संस्कृति, परंपराएं और नैतिकताये वेशभूषा के माध्यम से लोगों के समक्ष प्रस्तुत होती रही हैं,हमें अपने व्यावसायिक कार्य स्थल पर वेशभूषा का बखूबी ध्यान रखना चाहिए। स्कूल,कॉलेज,महाविद्यालय एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षक एवं शिक्षार्थी गण अपनी अपनी निर्धारित वेशभूषा में रहकर आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं।
बता दें कि *आजादी के अमृत महोत्सव* श्रृंखला की कड़ी में जन शिक्षण संस्थान प्रयागराज एवं शांती रमेश चंद्र महाविद्यालय करछना प्रयागराज द्वारा *”कार्यस्थल पर पोशाक एवं उसकी संवेदनशीलता”* विषय पर एक संयुक्त सेमिनार का आयोजन किया गया था। कॉलेज के प्राचार्य रमेश कुमार दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि परिधान के जरिए भारत के पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अपनी संस्कृति व परंपरा को निभाने में सदैव आगे रही हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधि वी. के. मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि बात केवल शैक्षणिक संस्थानों व कार्य स्थलों तक सीमित नहीं है यह एक सामाजिक पहचान भी है,हिंदुओं का तिलक,भगवा,शिखा,मुस्लिमों का लंबा कुर्ता पजामा,नकाब एवं सिखों का दाढ़ी मूछ सहित साफा एक अलग वेशभूषा में सामाजिक पहचान बना देती है। इंसान कहीं भी कार्य करें लेकिन उसे भारतीय वेशभूषा,रीति रिवाज,परंपरा एवं नैतिकता से जुड़ कर रहना चाहिए। सेमिनार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कौड़िहार प्रयागराज के सहायक अध्यापक अखिलेश विश्वकर्मा तथा प्रवक्ता ममता राय ने भी संबोधित किया।बृजेंद्र राय,शशिकांत,रोहित यादव,रिचा शर्मा और रामकिशन पटेल आदि का सहयोग मुख्य रहा।Crime24hours/संवाददाता रवि पटवा