लार। कहते हैं जिसको राखे साईयां मार सके न कोय..। बदमाशों ने पुरानी रंजिश में जिसे मारकर खेत मे फेंक गए थे वह दूसरे दिन जीवित निकल गया। वाकया लार थाना क्षेत्र के हरखौली गाँव का है। स्थानीय थाना क्षेत्र के हरखौली निवासी 65 वर्षीय वहीद अहमद पुत्र स्वर्गीय शहबान को पुरानी रंजिश में गाव के कुछ मनबढ़ों ने इतना मारा कि वे मरणासन्न हो गए। मरा जानकर मनबढ़ उन्हें खेत मे फेंक कर भाग गए। घटना की जानकारी तीसरे दिन तब हुई जब वहीद के परिजन दिल्ली से उन्हें फोन किये।फोन न उठने पर परिजनों ने गाव में अपने पट्टीदार को बताया कि दो दिन से वे फोन क्यों नहीं उठा रहे हैं? कहीं कोरोना से उनकी तबियत तो नहीं खराब हो गई। जब वहीद के पट्टीदारी के लोग वहाँ गए तो वहीद बेसुध पड़े थे। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। तहरीर पर नामजद लोगों के खिलाफ मारपीट व बलबा का केस दर्ज हुआ। मारपीट की घटना 5 मई की रात 10 बजे की है, जबकि परिजनों को वे 7 मई को खेत मे कराहते मिले। 8 मई को पुलिस ने केस दर्ज किया।
हरखौली गॉव के वहीद मिया पुत्र स्व सहबान मिया अपने गॉव से बाहर खेत में ही घोठा बनाकर जीवन यापन करते हैं। वे खेत में सब्जी उगाने हेतु पानी चलाने के लिए मोटर लगाये थे। कुछ दिन पहले गॉव के ही कुछ युवक इनका मोटर खोल लिये। उन्होंने पुलिस से शिकायत की। उसी समय से हमलावर वहिद मिया से खुन्नत खाये हुए थे। पूर्व नियोजित प्लान के तहत हमलावर उन्हें बुरी तरह से मारे। जब हमलावरों ने उन्हें मृत समझ लिया तो वही खेत मे फेक कर फरार हो गए। खुदा का शुक्र था कि दो दिन से मरणासन्न हाल में पड़े वहीद की सांस लौट आयी। उन्होंने मीडिया को अपनी आप बीती सुनाई। इस मामले में गावँ के ही जितेंद्र नट का नाम प्रकाश में आया है। वह अपराधी किस्म का व्यक्ति है। कई कांड कर चुका है लेकिन हर बार बच जाता है। अबकी बार पीड़ित वहीद ने उसे और लवकुश यादव के अलावा तीन अन्य लोगों पर नामजद केस लिखाया है। मुकामी पुलिस ने मारपीट, धमकी और बलबा का केस दर्ज किया है। हालांकि हमलावरों की पिटाई से वहीद के हाथ पैर टूट गए हैं और वे बेहोश पड़े थे। पुलिस ने मामले का अल्पीकरण कर दिया है।