कृषक आगजनी की घटनाओं को रोकने में सावधानी और सतर्कता बरतें।
कासगंज: गेहूं की कटाई में प्रयुक्त कृषि यंत्रांे का उचित रखरखाव न होने तथा अपेक्षित सावधानी न बरते जाने के कारण खेतों में आगजनी से फसल नष्ट होने की घटनायें हो रही हैं। जिला कृषि अधिकारी सुमित कुमार चैहान द्वारा आगजनी की घटनाओं की रोकथाम हेतु किसानों को सलाह दी गई है कि खेत में फसल अवशेष कदापि न जलायें। हवा चलने के कारण भीषण अग्निकाण्ड हो सकता है। कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई के बाद फसल अवशेष पर 20 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़क कर हल से मिट्टी पलटवाने से फसल अवशेष सड़कर मृदा में कार्बनिक जीवांश की बढ़ोत्तरी करते हैं। जो भूमि के लिये बहुत लाभकारी है। फसल कटाई में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों का रखरखाव उचित ढंग से किया जाये। देख लें कि कृषि यंत्र चलाने पर उनमें चिंगारी न निकल रही हो। खेत में बिजली के खम्बे या ट्रांसफार्मर लगा होने पर अत्यंत साबधानी बरती जाये। फसल कटाई के समय ट्यूबवैल/टैंकर से पानी की तुरंत उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, जिससे आग लगने पर उसे तुरंत बुझाया जा सके।
खेत में फसल अवशेष जलाये जाने पर 02 एकड़ से कम भूमि होने पर 2500 रू0 प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ भूमि होने पर 5000 रू0 तथा 05 एकड़ से अधिक भूमि होने पर 15000 रू0 प्रति घटना की दर से दोषी कृषकों पर अर्थदण्ड लगाया जायेगा। किसी कृषक द्वारा अपने खेत में फसल अवशेष जलाने की पुनरावृत्ति करने पर उसे सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं यथा अनुदान आदि से वंचित कर दिया जायेगा।
सभी कृषकों तथा जनसामान्य से अपील है कि खेतों में पकी फसल के आसपास धुम्रपान न करें तथा धुम्रपान के उपरांत सुलगती हुई बीड़ी या सिगरेट खेतों में कदापि न फेंकें। आगजनी की घटनाओं को रोकने में सावधानी और सतर्कता बरतें।
विकार खान कासगंज