देवरिया। प्रदेश में योगीराज। जगह जगह गो रक्षा दल। सक्रिय पुलिस। इन सबके बावजूद गो वंश की तस्करी नहीं रुक रही। आये दिन गोतस्करी के मामले प्रकाश में आ रहे। बुधवार 10 मार्च 21 को मईल थाना क्षेत्र के भागलपुर में एक ट्रक से पुलिस ने 18 बैल पकड़े। इन्हें गोंडा से लोड किया गया था। पश्चिम बंगाल के कत्लखाने में भेजा जा रहा था। मईल पुलिस ने दो तस्करों को पकड़ लिया और बैलों को बरामद कर लिया। इसी के साथ यह सवाल भी खड़ा हुआ कि गोंडा से भागलपुर के बीच मे यह ट्रक क्यों नहीं पकड़ा गया? क्या यह पुलिस की मिलीभगत से यहाँ तक पहुंचे। मईल थाना क्षेत्र के भागलपुर चौकी पुलिस को बुधवार की सुबह एक मुखबीर ने सूचना दी। उसने बताया कि भागलपुर पुल के रास्ते एक ट्रक में दर्जनों पशुओं को भरकर बिहार भेजा जा रहा है। मुखबिर की सूचना को गंभीरता से लेते हुए मईल पुलिस भागलपुर पुलिस चौकी पर वाहनों की सघन चेकिंग करना शुरू कर दी।इसी बीच तकरीबन साढ़े सात बजे बलिया के तरफ से एक तेज रफ्तार ट्रक आती दिखी। संदेह होने पर पुलिस ने ट्रक को रोकने का प्रयास किया तो पशु तस्कर ट्रक रोकने के बजाय और तेजी से लेकर निकलने लगा। एसओ शैलेंद्र कुमार चौकी प्रभारी अमित पांडेय, आदि ने तत्परता दिखाते हुए भाग रहे ट्रक को किसी तरह रोका। ट्रक में मौजूद तस्कर पुलिस को चकमा देकर भागने का प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस ट्रक समेत दोनों पशु तस्करों को मईल थाने लाई। जहां ट्रक में 18 गोवंशीय बैल मिले। पूछताछ में इनकी पहचान जौनपुर जनपद के सरपतहा थाना क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर घुघरी निवासी विनोद यादव व श्रावस्ती जनपद के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के बदला चौराहा गांव निवासी मेराज अहमद के रूप में हुई।
एसओ ने बताया कि गोंडा जिले के विभिन्न गावों से व्यापारी के माध्यम से आवारा पशुओं को एकत्रित कर ट्रक से बलिया देवरिया के रास्ते बिहार होते हुए बंगाल ले जाया जा रहा था। इसके पूर्व भी इस तरह का काम कई बार किया जा चुका है।