बरहज में 20 वर्ष से भटक रहे बुजुर्ग को मिल गया अपना परिवार
सोशल मीडिया की सकारात्मक उपयोग से हुआ सार्थक
पत्रकार रवि उपाध्याय की पहल लाई रंग
“लादेन” से राजमणि की यात्रा हुई सुखद
बरहज(देवरिया)। एक जवान बीस वर्ष पूर्व कहीं से भटक कर आया। जवान को बरहज के लोग लादेन कहने लगे। किसी ने कुछ दिया,खा लिया। जहाँ जगह मिली वहीं सो लिया। कुछ खाने को नहीं मिला तो भी कोई गम नहीं। एक दो माह नहीं पूरे बीस वर्ष गुजर गए।
फरवरी 21 में बरहज के समाजसेवी पत्रकार रवि उपाध्याय की नजर पड़ी। लादेन अब बुजुर्ग हो चुका था।
20 वर्षों से बरहज नगर में भटक कर रह रहे इस अज्ञात शक्स जिसे बरहज के लोग लादेन कहते थे उनके परिजनों की पहचान करने की एक सघन कोशिश रवि उपाध्याय ने की। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। आखिर रवि का प्रयास रंग लाया। बुजुर्ग के जिंदा होने की सूचना मिलते ही परिजनों में खुशी परवान चढ़ी । पत्नी अपने को विधवा तो बच्चे अपने को अनाथ मान बैठे थे। जब इनकी विडिओकालिंग से शिनाख्त कराई गयी तो पत्नी और बच्चे इन्हें पहचान गए। बेटे गोलू ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इनसे बात की। जिंदा होने की सूचना मिलते ही इनके बेटे ने रवि से कहा आपने हमे हमारा हीर दे दिया। बुजुर्ग के घर एवं मुम्बई से परिजन बरहज के लिए रवाना हो गए ।
इस मामले में #पुलिस_अधीक्षक_जौनपुर ने भी अपना योगदान दिया।
रवि के सार्थक प्रयास से अपनों के साथ जब 9 मार्च 21 को कथित लादेन मिले तो उनकी पहचान राजमणि उपाध्याय, पुत्र स्व० श्याम सुंदर उपाध्याय, ग्राम- अड़ियार
थाना- सुरेरी, जनपद- जौनपुर के रूप में हुई। वे मानसिक बीमार हाल में 20 वर्ष से लापता होकर ‘बरहज’ में अज्ञात रुप में निवास कर रहे थे। उनके पहचान_सहयोग में रवि उपाध्याय के अतिरिक्त – विश्व उपाध्याय परिवार (फेसबुक ग्रुप),- डॉ श्रीकांत उपाध्याय, असिस्टेंट प्रोफेसर शारीरिक शिक्षा ,सर्वोदय विद्यापीठ पीजी कॉलेज सलोन रायबरेली
ग्राम- घाघर पारा,बहरिपुर, थाना सिंगरामऊ ,जिला जौनपुर, व पुलिस अधीक्षक, जौनपुर का विशेष योगदान रहा।