देवरिया

मंदिर के महंत पर दुष्कर्म का आरोप, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज

भागलपुर (देवरिया)। सरस् सलिल पवित्र पावन सरयू तट के पश्चिमी छोर पर स्थित खैरा कुटी एक बार फिर विवादों में आ गयी। अबकी बार कुटी के महंत सहित दो सहयोगियों पर दुष्कर्म का आरोप लगा है। बलिया जिले के
बिल्थरारोड क्षेत्र में स्थित खैरा कुटी देवरिया की सीमा से सटे है। उस पार खैरा इस पार भागलपुर और बीच मे बहती है सरयू नदी की पवित्र धारा।करीब तीन सौ वर्ष पुराने खैरा मठ के पुजारी समेत सहयोगियों पर लगे  कथित दुष्कर्म के आरोप के कारण वैष्णव संप्रदाय के श्रीरामजानकी ठाकुर जी का मंदिर खैरा मठ एक बार फिर चर्चा में है। खैरा कुटी के महंत और उसके दो साथियों पर एक किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। किशोरी का आरोप है कि महंत अपने शिष्यों के साथ मिलकर 2016 से लगातार तीन साल तक दुष्कर्म करता रहा है तथा उसे लगातार डरा धमका रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद मामले में मुकदमा तो दर्ज हो गया किंतु अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मामले में पीड़िता ने डीआइजी सुभाष चंद्र दुबे को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता मूल रूप से सुल्तानपुर जिले की निवासी और वर्तमान में उभांव थाना क्षेत्र के एक गांव में रहती है। कोर्ट के आदेश पर  उभांव थानाध्यक्ष ज्ञानेश्वर मिश्रा ने मुकदमा दर्ज करा लिया गया है। इस आरोप से पूर्व ही मठ के महंत व पुजारी ने अगस्त 2020 में ही ऐसे आरोप व विवाद की साजिश की आशंका जताई थी। मठ के करोड़ों की संपत्ति की रक्षा में 7वें महंत रामेश्वर दास जी महाराज की विगत 3 फरवरी 2012 को हत्या कर दी गई थी। इसके पूर्व भी एक अन्य महंत की भी हत्या की जा चुकी है। जबकि नवंबर 2018 में तत्कालीन एसडीएम विपिन जैन के निर्देश पर तथाकथित महंत राघवेंद्र दास, गांव के प्रधान और तत्कालीन सचिव प्रशांत यादव के खिलाफ मूल भूअभिलेख में हेराफेरी करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद तथाकथित महंत राघवेंद्र दास जी की गिरफ्तारी भी की गयी थी। खैरा कुटी के पुजारी और वर्तमान महंत श्रीराम ब्रह्यचारी जी महाराज के उत्तराधिकारी के रुप में कार्य कर रहे बाबा भरत दास जी महारा उर्फ भूपन तिवारी उर्फ मौनी बाबा ने बताया कि युवती द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और मनगढंत है। मठ की संपत्ति पर कुदृष्टि रखने वाले विवादित कथित फर्जी महंत का गैंग ही उन्हें और मठ को बदनाम करने में लगे है। उन्होंने कहा कि आरोपी युवती ने घटना का समय 8 जून 2016 बताया है और लगातार तीन वर्ष तक अपने साथ दुराचार किए जाने का आरोप लगाया गया है। जबकि वे 28 नवंबर 2018 को उक्त मठ से जुड़े। इससे पूर्व वे करीमगंज ककरासो में अपनी कुटिया पर मानव सेवा व साधना में लीन थे। खैरामठ के 7 वें महंत रामेश्वर दास जी महाराज की 3 फरवरी 2012 को मठ के अंदर ही भूमि विवाद के कारण हत्या कर दी गई थी। जिनका शव मठ के अंदर ही मिला था। बदमाशों ने महंत रामेश्वर दास जी के सर पर किसी कुल्हाड़ीनुमा हथियार से हमलाकर निर्मम हत्या कर दिया था। जबकि इनके पूर्व के महंत रामबली दास जी महाराज को भी धोखे से भूमाफियाओं ने गैर जनपद में ले जाकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद से ही उक्त मठ के महंत सुरक्षा को लेकर लगातार आशंकित रहे है किंतु प्रशासनिक निगरानी, हस्तक्षेप व अपेक्षित सक्रियता न होने के कारण यहां भूसंपत्ति को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा था। तत्कालीन एसडीएम विपिन कुमार जैन की दखल व पुलिसिया सक्रियता से लंबे समय से मठ से बाहर रहे महंत श्रीरामब्रह्मचारी जी महाराज को करीब दो वर्ष पूर्व मठ की महंती तो मिल गई किंतु विरोधियों व बदमाशों के आतंक से यहां के महंत व साधु संत सदैव दहशतजदां रहे है। अब देखना यह है कि पुलिस जांच में युवती के आरोप कितने सच साबित होते हैं। प्रश्न यह भी है कि जब इतने दिन से दुष्कर्म हो रहा था तो इसके पूर्व शिकायत करनी चाहिए थी।

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