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श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र की कथा सुन नम हुई आंखे

बांदा 12 फरवरी 2023

ग्राम पंचायत जारी बजरंग पुरवा में यादव परिवार के सानिध्य में सप्त दिवसीय श्री मद्भागवत महा पुराण कथा का आयोजन किया गया। कथा का शुभारंभ भागवत पुराण की आरती वा मंगलाचरण के साथ हुआ। चल रही श्री मद् भागवत महापुराण कथा के विश्राम दिवस पर आचार्य पं. श्री शिवाकांत शास्त्री जी महाराज (श्री धाम वृंदावन) ने कथा की अम्रत वर्षा में कई कथा प्रसंगों के साथ साथ श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता का वर्णन किया । और बताया कि श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र आज के वर्तमान समय मे भी अत्यंत अनुकरणीय है। बताया गया कि श्रीकृष्ण और सुदामा बचपन मे एक साथ संदीपनी जी के आश्रम में शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस दौरान बचपन मे दोनो काफी चंचल होते हैं। एकबार का किस्सा बताते हुए कहते हैं कि गुरुमाता दोनो को लकड़ी बीनने के लिए भेजती हैं और खाने के लिए कुछ चने देती हैं लेकिन सुदामा सब चने अकेले ही खा लेते हैं जिससे श्रीकृष्ण भूखे रह जाते हैं। इस प्रकार जब गुरुमाता को पता चलता है तो वह सुदामा को श्राप देती हैं कि तुम ऐसे ही हमेशा गरीब बने रहोगे। कालांतर में समय बीतता है और अपनी पत्नी के कहने पर सुदामा अपने मित्र श्रीकृष्ण से मिलने जाते हैं। तब श्रीकृष्ण सुदामा की स्थिति देखकर खूब दुखी होते हैं और इस प्रकार अपने मित्र सुदामा की गरीबी से उद्धार करते हैं।
वर्णन करते हुए आचार्य ने बताया कि सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे लेकिन उनमें प्रभु के प्रति अनन्य भक्ति थी। यद्यपि सुदामा धनवान नही थे लेकिन भक्ति और ज्ञान का समावेश था अतः ईश्वर की प्राप्ति भक्ति और ज्ञान से ही सम्भव है। भक्ति और ज्ञान होने पर धन वैभव स्वतः ही आ जाता है।
संगीत मंच पर आशीष दिवेदी भजन गायक, अंकित पांडे तबला वादक, राज मिश्रा ने भजनो के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भागवत कथा श्रवण करने हेतु भगवत भक्तों, ग्रामीणों और क्षेत्र वासियों का विशाल जन सैलाब उमड़ पड़ा। कथा के विश्राम होने पर सभी भक्त आरती और प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर कथा के आयोजक वृन्दावन यादव, बुद्धि विलास यादव, डा. राजा राम यादव कुलपति, कुलदीप त्रिपाठी (पत्रकार), आदि लोगों के साथ भारी संख्या में ग्रामवासी एवं क्षेत्र वासी उपस्थित रहे।

Crime 24 Hours से मितेश कुमार की रिपोर्ट

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