फतेहपुर

प्रांत संयोजक आरती मौर्य वरिष्ठ अधिवक्ता के नेतृत्व में जिला अधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन

फतेहपुर सिविल अधिवक्ता मंच उत्तर प्रदेश के प्रांत संयोजक आरती मौर्य वरिष्ठ अधिवक्ता के नेतृत्व में जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें सिविल अधिवक्ता मंच उत्तर प्रदेश दर्जनों बार न्यायालयों मैं वाद कार्यों के मुकदमे में शीर्ष निर्णय में जो बाधा आती है वह दूर करने प्रयास किए गए मीडिया व चैनलों के माध्यम से छपे समाचार उन सब को संलग्न कर दो पुस्तकें 200 पेज की शक्कर प्रधानमंत्री द्वारा विमोचन को तैयार हो चुकी है वाद कार्यों या नागरिकों या अधिवक्ता वर्ग के द्वारा मांगों पर सरकार ने संज्ञान लेकर सुधार हेतु आवश्यक सुझाव मांगे हैं जो जिला एवं प्रदेश भर से आए सुझावों को सम्मेलन करके निम्न तौर पर सुझाव दिए जा रहे हैं प्रदेश में कम से कम 20% सांसद व विधायक लोकसभा व विधानसभा में दलों द्वारा भेजे जाए जो कानून बनवा सकें ब्रिटिश काल से चले आ रहे हैं साक्ष्य सा पीसी आईपीसी सीआरपीसी में तुरंत संशोधन किया जाए मुकदमों में फैसले में समय सीमा के के नेचर अनुसार निर्धारित किया जाए पेंडिंग विवादों को अपील व रिवीजन पर तुरंत कार्यवाही अनिवार्य की जाए कानूनों में सुधार हेतु प्रैक्टिस जिला स्तरीय अधिवक्ताओं की विधानसभा व लोकसभा में विधि मंत्रालय के सहयोग हेतु तुरंत समिति नामित की जाए ताकि समिति जो दे वर्तमान में पैरवी तलवाना साथ कल भी बारिश को सूचना कल भी रिपोर्ट पत्रावली तन्वी आदि आदि में 10 वर्ष बीत जाते हैं जिस पर जनता त्रस्त है अदालत मस्त है पर सुधार हो न्यायिक अधिकारियों के कार्यों में चेकिंग कानून लागू हो पेंडिंग वादों को अपील व रिवीजन पर तुरंत सुनवाई अनिवार्य की जाए तारीख पर तारीख बढ़ाने पर अदालत द्वारा अधिकारियों को खर्च किराया देना अनिवार्य किया जाए राजस्व श्रम उपभोक्ता टैक्सेशन या अन्य न्यायालय में उपरोक्त नियम लागू किए जाएं उच्च न्यायालय जिला न्यायालय योजना के चलते विगत 10 वर्षों से बेल अंतिम ट्रायल जो लोक अदालत के नाम पर बंद पड़े हैं उन्हें मीटिंग पर करने हेतु आदेशित किया जाए नालों में कार्य का कोटा केवल कंटेस्ट वादों पर लागू न्यायालय में प्रतिदिन उतने ही केस लगाए जाएं जितने होना संभव हो नए अधिवक्ताओं को 2 वर्ष की जूनियर सिर्फ अनिवार्य करते हुए सरकार से ₹10000 प्रतिमाह मानदेय ना लागू किया जाए पीसीएस जे अधिकारियों को जॉइनिंग के पूर्व कम से कम 6 माह की ट्रेनिंग जिला न्यायालय में लेना अनिवार्य की जाए क्योंकि न्यायिक अधिकारी लिखा नहीं पाते 5 वर्ष से 10 10 20 20 30 30 साल तक या उसके ऊपर पेंडिंग वादों में वाद कार्यों को अनावश्यक दौड़ने के एवज में 20000 रुपए संवेदना राहत राशि दिलाई जाए इस मौके पर हेमंत कुमार एडवोकेट जसवंत सिंह छोटेलाल छत्रपाल महेंद्र सिंह अशोक कुमार रामखेलावन मौर्य श्यामलाल भिखारी लाल इंद्रजीत धर्मेंद्र कुमार मौर्य ओमप्रकाश रामनरेश महेश चंद्र त्रिपाठी राजेंद्र श्री चंद कुशवाहा रहमान रामशंकर छोटेलाल श्याम बाबू जगदीश मौर्य सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

 

 

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