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उ0प्र0 के हर क्षेत्र में कृषि से ही आत्मनिर्भरता सम्भव है- श्री सूर्य प्रताप शाही , मा0 मंत्री

 

जनपद बांदा।

कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र कृषकों के लिए मन्दिर है- श्री सूर्य प्रताप शाही , मा0 मंत्री कृषि में हम निरन्तर प्रगति कर रहें है। कई फसलों में हमारा आयात घटा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दलहन और तिलहन की उन्नत किस्मों से उपज बढ़ाया जा सकता है। कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र निरन्तर इस दिशा में कार्य कर रहें हैं। बुन्देलखण्ड में आर्थिक समृद्धि के लिए गौ सम्वर्धन आवश्यक है। देशी गाय जो छुट्टा घूम रहीं है उनका नस्ल सुधार करना आवश्यक है। जैविक एवं प्राकृतिक खेती की तरफ हमें कदम बढ़ाना पडेगा यही हमारी परम्परा थी। विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही सुविधाओं का किसान लाभ उठायें। उ0 प्र0 में देश में पैदा हो रही गेंहूँ का कुल 32 प्रतिशत तथा सब्जी में 7 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। दुग्ध उत्पादन में हम प्रथम स्थान में हैं। बुन्देलखण्ड को अन्य एवं दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी क्षेत्र बनाना है। बुन्देलखण्ड में खेत तालाब योजना का लाभ कृषकों को जल संरक्षित करके मिल रहा है। मत्स्य पालन से अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहें है। वर्तमान में अन्तःशस्यन समय की माँग है। खेती में स्प्रिंकलर एवं ड्रिप विधि का उपयोग भी समय की माँग है। जल का कम उपयोग करके खेती को करना आवश्यक है। कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं का लाभ कृषकों को मिल सके इसके लिए सबका प्रयास आवश्यक है। वर्तमान सरकार द्वारा दलहन एव तिलहन फसल के लिए मिनी किट उपलब्ध कराया गया है। ललितपुर में चिरौंजी की खेती में भारी गिरावट आयी है। यह बाते बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा में आयोजित हो रहे 3 दिवसीय किसान मेला के समापन समारोह में मा0 मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, श्री सूर्य प्रताप शाही जी बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

श्री शाही जी ने कहा की विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र में केले की खेती, तालाब पर केले, फूल व सब्जी खेती का प्रदर्शन लगाकर किसानों को तकनीक अपनाने हेतु जागरूक करें। करौंदा और आँवला की खेती कर अतिरिक्त आये सृजित करें। विशिष्ट अतिथि के रूप में मा0 सांसद, श्री आर के सिंह पटेल जी ने कहा की हम अपने पूर्वजों की सिखाई बातें भूल गये हैं जिसकी वजह से हम पोषण से दूर हुए हैं। पहले खाने में पोषण की प्रचूरता रहती थी क्योंकि सब्जी, फल हमारे घरों के बगल एवं गौशालों के बगल में उपजाई जाती थी, जिसे हम और हमारे पड़ोसी तथा रिश्तेदार भी खाते थे। यह विश्वविद्यालय वास्तव में बुन्देलखण्ड के कृषि एवं कृषकों के लिए वरदान ही है। हम अपने खाने में मोटे अनाज एवं दालों की मात्रा को बढ़ायें। अपने खाने के लिए सब्जी का उत्पादन प्राकृतिक रूप से गोबर की खाद का प्रयोग करें। वर्तमान सरकार द्वारा बीज यंत्र खाद पर योजनाबद्ध तरीके से अनुदान दी जा रही है। बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के अध्यक्ष, श्री अयोध्या प्रसाद पटेल जी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय कृषक हितैसी तकनीकी प्रसार कर रहा है जो सराहनीह है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम में श्री राजेश सिंह सेंगर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह मेला यहाँ के कृषकों के लिए लाभदायक हो इसी उद्देश्य से इसका आयोजन किया गया है। आयोजित तकनीकी सत्र प्राकृतिक खेती एवं बकरी पालन पर कृषकों के लिए लाभकारी रहा। मेला के माध्यम से रबी फसलों के बीज उपलब्ध कराये गये। पिछले एक वर्ष में शोध एवं प्रसार कार्यों में तेजी आई है। इस वर्ष मौसम व प्रकृति की मार किसानों के साथ-साथ हमारे शोध कार्यों एवं बीज उत्पादन तथा अन्य कार्यों पर भी पड़ा है। आने वाले समय में आने वाले समय में कठिया गेहूँ पर कार्य करना है। बुन्देलखण्ड में महुवा जामुन व इमली में काफी कमी आयी है इसे पूर्व स्थापित करने हेतु हम प्रयास करेगें। विश्वविद्यालय के छात्र देश विदेश में शिक्षा एवं शोध कर सके ऐसा विश्वविद्यालय बनाना है। मेले के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं का पुरस्कार वितरण मा0 मंत्री जी द्वारा वितरित किया गया। विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार, डॉ0 एन0 के0 बाजपेयी ने सबका स्वागत एवं अभिनन्दन किया तथा मेले के आयोजन के बारे में विस्तार से बताया। डॉ0 बाजपेयी ने बताया की मेले में कुल 126 स्टाल लगाये गये थे। प्रतिदिन सभी 7 जिलों से लगभग 2500 किसान जिसमें लगभग 1000 महिलायें उपस्थित रहीं। मंच पर भाजपा जिलाध्यक्ष, श्री संजय सिंह, श्री श्याम बिहारी गुप्ता, श्री राजीव कुमार झा व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 नरेन्द्र सिंह तथा मंच संचालन डॉ0 बी0 के0 गुप्ता एवं डॉ0 विज्ञा मिश्रा ने किया। तीन दिवसीय मेले में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया तथा जरूरतमंदों को उचित सलाह एवं सुविधा प्रदान की।

संवाददाता प्रशान्त त्रिपाठी CRIME24HOURS

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