जनपद बांदा।
पिछले 10 दिनों से चल रहा अनशन नहीं निकला कोई निर्णय।
बांदा के जनपद में वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाँदा ने जनपद में जिस दिन से चार्ज लिया है, उसी दिन से भ्रष्टाचार को पल्लवित करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। प्राथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रभारी / आहरण वितरण अधिकारी के पद पर 02 लाख रू० में खुलेआम नीलामी की जाती है, ऐसी स्थिति में कार्य करने वाला अधिकारी सारी योजनायें कागज में चलाकर जनता को धोखा देता है। स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार इतना अधिक है कि किसी भी कर्मचारी का शासन प्रदत्त देयक / लाभ बिना रिश्वत के नहीं मिलते। सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को अपने लाभ व पेंशन लेने के लिए दो से तीन लाख रूपये की रिश्वत
एडवांस में देनी पड़ती है। महोदय, लोकप्रिय सरकार की मंशा जनता को स्वच्छ भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था उपलब्ध करवाना है, जिसकी याद संगठन द्वारा विगत तीन माह से कई बार पत्र के माध्यम से व वार्ताओं के द्वारा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाँदा को दिलाई गयी, किन्तु उन्होंने अपना इरादा बिल्कुल नहीं बदला।
विवश होकर महासंघ ने अपनी इक्कीस सूत्रीय मांगों के समर्थन में दिनांक 26.09.2022 से क्रमिक अनशन व धरना प्रारम्भ कर दिया, किन्तु मुख्य चिकित्सा अधिकारी
कार्यालय द्वारा भ्रष्टाचार में कोई असर नहीं पड़ा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि मैं जैसे जिला चलाऊँगा वैसे सबको चलना पड़ेगा, संगठन को विरोध करने का अधिकार नहीं है। अतः श्रीमान् जी से प्रार्थना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की स्वच्छ छवि को नुकसान पहुंचाने वाले भ्रष्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाँदा को तत्काल जनपद से हटाकर इनके कार्यकाल के भ्रष्टाचार की जांच किसी सचिव स्तर के अधिकारी से कराकर उचित दण्डात्मक कार्यवाही करने की कृपा करें संलग्नक :- मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाँदा को दिया गया 21 सूत्रीय मांगपत्र ।
CRIM24HOURS संवाददाता प्रशान्त त्रिपाठी की रिपोर्ट