सम्भल/चन्दोसी: यूपी के संभल जिले के चंदौसी में गणेश चतुर्थी मेले के संस्थापक गिरिराज किशोर की भगवान गणेश में अटूट आस्था के चलते 16 साल के निरंतर प्रयासों के बाद 145 फिट ऊंची विशाल गणेश प्रतिमा का निर्माण हुआ है. नृत्य मुद्रा में भगवान गजानन की इस विराट प्रतिमा को एशिया में भगवान गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा माना जा रहा है. एशिया में भगवान गणेश की सबसे अधिक ऊंची प्रतिमा के तौर पर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराए जाने का दावा भी पेश किया गया रहे है. भगवान गणेश की इस विशाल प्रतिमा का अनावरण आगामी नवंबर माह में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराए जाने की तैयारी की जा रही हैउत्तर प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री गुलाब देवी के गृह क्षेत्र चंदौसी में एशिया की सबसे विराट और विशाल 145 फिट ऊंची गणेश प्रतिमा होने का दावा किया जा रहा है. दरअसल संभल जिले के चंदौसी में भगवान गणेश की 145 फिट ऊंची विशाल गणेश प्रतिमा का निर्माण कार्य चंदौसी के रहने वाले प्रख्यात चिकित्सक और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रख्यात गणेश चतुर्थी मेले के संस्थापक गिरिराज किशोर द्वारा 16 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था
आपको बता दें कि चंदौसी में ‘भगवान गजानन की एशिया की सबसे ऊंची विशाल प्रतिमा’ का सपना देखने वाले गिरिराज किशोर का कुछ महीने पहले निधन हो गया था. गिरिराज किशोर के बेटे मनोज गुप्ता ने दावा करते हुए बताया कि भगवान गणेश की नृत्य मुद्रा में निर्मित यह प्रतिमा एशिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. उन्होंने कहा कि एशिया के किसी भी देश में भगवान गजानन की 45 फीट ऊंची प्रतिमा मौजूद नहीं है. मनोज गुप्ता ने बताया कि विशाल गणेश प्रतिमा के निर्माण पर 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है.
मनोज गुप्ता के अनुसार, भगवान गणेश की विराट प्रतिमा के निर्माण के लिए किसी से भी आर्थिक सहयोग नहीं लिया गया है. उन्होंने बताया कि गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में एशिया की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा का रिकॉर्ड दर्ज कराए जाने के लिए दावा भी पेश किया गया है. नृत्य की मुद्रा में बनाई गई विराट गणेश प्रतिमा की खास बात यह है कि 145 फिट ऊंची यह गणेश प्रतिमा सिर्फ एक पैर पर टिकी हुई है. भगवान गजानन की विराट प्रतिमा को मजबूती देने के लिए जमीन में 25 फुट से अधिक गहराई पर मजबूत बेस बनाया गया है.
Crime24hours/संवाददाता सुलेन्द्र सिंह