जनपद बांदा।
मध्य प्रदेश की घाटियों में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से बांध उफनाने लगे हैं। जिससे नदी में हर घंटे करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसी वजह से केन नदी में बाढ़ आ गई है और नदी का जलस्तर खतरे का लाल निशान पार करके 105 मीटर पर पहुंच गया है। वही बाढ़ का पानी निचले इलाके पर घुसने लगा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जहां बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश की घाटियों में कई दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। बारिश का पानी बांधों व बीयर में पहुंच रहा है। जिसके कारण बांध से बारिश का पानी केन नदी में डिस्चार्ज किया जा रहा है। बांध का पानी आने के कारण केन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और मंगलवार को दोपहर में नदी का जलस्तर 105.03 मीटर पहुंच गया जो खतरे के लाल निशान से 1 मीटर ज्यादा है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक अभी भी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसकी स्पीड प्रति घंटे 8 सेंटीमीटर बताई जा रही है। यही स्थिति चिल्ला में यमुना नदी की है। यमुना का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यहां खतरे का निशान 100 मीटर है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक यहां दोपहर में जलस्तर 97.78 मीटर रिकॉर्ड किया गया। नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। वही पैलानी तहसील के पैलानी खपटिहा बरेहटा गडरिया पडोहरा गांव में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस बारे में जिला अधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि केन नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है लेकिन अभी लोगों को निचले इलाके से ऊपरी इलाके में ले जाने की स्थिति नहीं आई है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए नावों की भी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पैलानी और बरेहटा गांव में निगरानी की जा रही है। वहीं खपटिहा गांव में दो नावे लगाई गई हैं। चंद्रावल नदी में बाढ़ से बचाने के लिए पडोहरा व गडरिया गांव में भी नावें लगाई गई हैं।
Crime 24 Hours / ब्यूरो रिपोर्ट