कौशाम्बी,
यूपी के कौशाम्बी जिले में कब्र में दफन रमजान नाम के युवक के शव पर हिंदू परिवार ने अपना हक जताते हुए उसे अपने बेटे सूरज का शव बताया है,मामला कौशाम्बी डीएम सुजीत कुमार के पास पहुंचा तो डीएम ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर शव को कब्र से निकालकर उसकी DNA जांच कराए जाने का आदेश दिया है।डीएम के आदेश के बाद सीओ और एसडीएम सिराथू की मौजूदगी में शव को कब्र ने निकाला जा रहा है।मामला सिराथू तहसील क्षेत्र के बिजलीपुर गांव का है जहा कब्र में दफन शव के रहस्य से पर्दा उठ सकता है। परिजनों की मांग पर डीएम सुजीत कुमार ने प्राइमरी स्तर पर 3 सदस्यों वाली टीम गठित कर जांच के आदेश जारी किए है। टीम में 3 डॉक्टर पुलिस अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी रखे गए है, जो शव को कब्र से बाहर निकाल नमूने लेकर फोरेंसिक लैब मे भेजेंगे। इस दौरान दोनों परिवार के सदस्यों के भी मौजूद है।सैनी कोतवाली के बनपुकरा गांव के पास ट्रेन हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी। सब्बीर अहमद ने उसे अपना बेटा रमजान बताकर उसको सुपुर्दे खाक कर दिया था।वही फतेहपुर जनपद के धाता निवासी उसे अपना बेटा सूरज बता रहे है। जहां एक ओर बिजलीपुर गांव के सब्बीर अहमद शव को अपना बेटा रमजान मानकर उसका अंतिम संस्कार कर चुके हैं वही दूसरी तरफ फतेहपुर के धाता निवासी संतराज ने शव को अपना बेटा सूरज बता कर जांच किए जाने की अपील की थी। कब्र मे दफन लाश किसकी है, यह पता लगाने के लिए डीएम ने प्राइमरी जांच पुलिस से कराते हुए रिपोर्ट तलब की। इसमें पुलिस अधिकारियों ने शव को बिना कब्र से बाहर निकाले सत्यता की जांच में असमर्थता जाहिर की। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने 3 सदस्यीय टीम गठित कर जांच किए जाने के आदेश दिए है।संतराज के दावे की हकीकत जानने के लिए बिजलीपुर गांव में शव को कब्र से बाहर निकाला जा रहा है। तीन डॉक्टरों का पैनल बनाकर शव का परीक्षण होगा। शव में यदि खून आदि के सैंपल मिले तो प्रयास होगा कि स्थानीय स्तर पर पहचान हो जाए। इसके बाद भी यदि पहचान का संकट हुआ तो डीएनए टेस्ट कराने के लिए नमूने संकलित किए जाएंगे। डीएनए की जांच ही शव के सूरज या फिर रमजान होने की पुष्टि करेगा।डीएम सुजीत कुमार ने बताया, 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है। इसमें डॉक्टर, पुलिस के अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी शामिल है। तीन डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया है। पैनल की मौजूदगी में शव को बाहर निकाला जाएगा। शव ज्यादा पुराना नहीं हुआ है। ऐसे में उसमें कुछ सिमटम्स मिलने की संभावना है। यदि खून आदि से उसकी पहचान होती है तो बेहतर है, नहीं तो डीएनए रिपोर्ट के लिए सैंपल लिया जाएगा।