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राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम मलेरिया माह जून-2022 का जागरूकता अभियान हुआ शुरू

 

जनपद बांदा।

मलेरिया समेत अन्य संचारी रोगों पर वार करने के लिये जिले भर में जागरूकता अभियान स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शुरू कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा0 अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि माह जून से वेक्टर जनित रोगों का संचरण काल प्रारम्भ हो जाता है इस समय बुखाार मलेरिया डेगू के फैलने की सम्भावना अधिक रहती है। जून माह में जनमानस को मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु जागरूक किया जायेगा, एवं बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाॅच व उपचार कराने की सलाह दी जायेगी। इस दौरान बुखार पीडित लोगों के वारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है साथ ही जाॅच का काम भी किया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी बांदा, श्रीमती पूजा अहिरवार ने बताया कि बुखार के रोगियों के मिलने पर निरोधात्मक कार्यवाही हेतु जनपद व ब्लाक स्तर पर आर0आर0टीम0 का गठन कर टीम को प्रषिक्षित किया जा चुका है। जो कि बुखार प्रभावित ग्राम में मलेरिया की जाॅच करेगें, सोर्स रिडक्षन का कार्य एवं दवा वितरण कार्य करेगें। मलेरिया माह जून के अन्र्तगत समस्त आषा ए0एन0एम0 द्वारा जागरूकता का कार्य किया जोगा।
रोग के लक्षणः-
1.सर्दी व कम्पन के साथ एक दो दिन छोड़कर बुखार का आना।
2.तेज बुखार,उल्टियां और सिंर दर्द।
3.बुखार उतरते समय बदन का पसीना-पसीना हो जाना।
4.बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी का होना।
रोग के कारण:-
मलेरिया बुखार मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने के पश्चात होता है।
मलेरिया की जांच:-
जनपद बांदा के समस्त चिकित्सा ईकाईयों में मलेरिया बुखार की जांच निःशुल्क उपलब्ध है।
क्या करेंः-
1.सामान्य बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय /प्रा0स्वा0केन्द्र /सामुु0स्वा0केन्द पर रक्त की जांच एवं उपचार अवश्य करायें। कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है।
2.घर के कूलर बाल्टी धडे़ तथा ड्राम का पानी साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहें।
3.घर के आस पास एवं गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दे। पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दे, यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद मिट्टी के तेल/जले हूए मोबिल आयल को अवश्य डाल दे।
4.सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर पर मच्छर निरोधक क्रीम /नीम तथा सरसों के तेल का लेप खुले भागों पर लगायें। नीम की पत्ती का धुआं करें।
5.एक वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओें को दवा डाक्टर की ही सलाह से दे।
क्या न करेंः-
1.घर के आस पास छत पर तथा आंगन में पडे़ पुराने बर्तनों,टायर,कूलर फूलदान,गमले में पानी इकट्ठा न होने दें।
2.घर के आस पास कूड़ा एकत्रित न होने दें एवं सफाई पर विशेष ध्यान दें।
3.घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करें जिसके खिड़की तथा दरवाजे पर जालियां लगी हों।
4.बुखार का रोगी बिना रक्त की जांच कराये दवा का इस्तेमाल न करें तथा खाली पेट दवा न खाये।

Crime 24 Hours / ब्यूरो रिपोर्ट

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