यह कैसा विकास साहब ❓ आदिवासियों ने सदैव पहाड़ो जंगलो की हिफाजत की लडाई लड़ी जिससे वह अपनी खनिज सम्पदा को बचा सके यदि कोई कम्पनी के खिलाफ आवाज उठाते उन्हें नक्सलियों का नाम दिया गया
मोरम माफियों ने गुरवल गड़ीवा मझगवां आदि खण्डो से खनिज लूट कर ले गये
क्योकि उन्हें सदैव सरकारों का वरदहस्त प्राप्त रहा क्षेत्र के यमुना तटवर्ती गांव लगभग 200 मजरों तक जानेवाले रास्ते को बुरी तरीके से बर्बाद कर के हवेलियों में जा छिपे
क्षेत्रीय लोगो ने भी चंद फायदे के लिये किसी को महीने में धन मिला किसी को बकेट भर मोरम कुछ तो नेता बन गये गांव के लोगो का जीवन आज भी बदहाल रहा किसनपुर से 200 मजरों को जाने के लिये कोई साधन नही शाम होते सब गुमनाम
सी जिंदगी जीने को मजबूर हैं🙏
ब्यूरो रिपोर्ट