उत्तर प्रदेश देवरिया राज्य

पैना के सतिहुड़ा पहुंच डीएम-एसपी ने वीर बलिदानियों को किया याद

जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी

जिला संवाददाता देवरिया। जिले के बरहज थाना क्षेत्र के मशहूर गाँव पैना में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 31 जुलाई शनिवार को सतीहुड़ा पर एकत्रित होकर लोगों ने अमर बलिदानियों को याद किया। जिले के जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन व एसपी डॉ श्री पति मिश्र ने शनिवार को पैना स्थित सतिहुड़ा पहुंचकर अमर बलिदानियों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
डीएम आशुतोष निरंजन व पुलिस अधीक्षक डा. श्रीपति मिश्र ने सरयू तट पर जल जौहर करने वाली वीरांगनाओं को पुष्प अर्पित कर याद किया। डीएम ने कहा कि देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर बलिदानियों व वीरांगनाओं की संघर्ष गाथा हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। ऐसे संघर्षों, त्यागों के बलबूते ही आजादी मिली है। हम सभी को अमर बलिदानियों के आदर्शों से सीख लेनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक डॉ श्रीपति मिश्र ने कहा कि आज के ही दिन 1857 में महिलाओं ने जल जौहर किया था। इस अवसर पर डा.डीके सिंह, डा. वृजेश कुमार सिंह, हरी प्रसाद सिंह, अंतरराष्ट्रीय पहलवान केशव सिंह ने 31 जुलाई 1857 को गांव के अमर बलिदानियों के संघर्षों, वीर गाथाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध विद्रोह को कुशल नेतृत्व देने वाले बलिदानी ठाकुर सिंह के नाम स्मृति द्वार, शहीद स्थल को विकसित किए जाने, स्नान घाट बनाए जाने की मांग रखी। अतिथियों का वीके सिंह ने स्वागत किया। संचालन पंकज शुक्ल ने किया। पूर्व विधायक स्वामीनाथ, एसडीएम बरहज संजीव यादव, क्षेत्राधिकारी देव आनंद, खंड विकास अधिकारी आलोक दत्त उपाध्याय, आश्रम पीठाधीश्वर आन्जनेय दास, घनश्याम सिंह, अशोक सिंह, ग्राम प्रधान रवि प्रताप सिंह, सावित्री राय मौजूद रहीं।
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यह है पैना के सतिहुड़ा का इतिहास
देश मे अंग्रेजों की हुकूमत थी। बात 31जुलाई 1857 की है।अंग्रेजी सेना ने पानी की जहाजों पर तोप लगाकर पैना गांव को घेर लिया था। पैना गाँव के 391 रणबाकुरो ने अंग्रेजी सेना से लड़ते अपने प्राणों की आहुति दे डाली । 87 माताओं व बहनों ने अंग्रेजी सैनिकों से अपनी अस्मिता को बचाने के लिए सरयू नदी में छलांग लगा कर अपने प्राण उत्सर्ग कर दिए। जहाँ पैना की वीरांगनाओं ने नदी में छलांग लगाया उस स्थल का नाम सतिहुड़ा पड़ गया। आजाद हुए भारत मे वहाँ एक स्मारक बनवाया गया जहाँ प्रति वर्ष लोग अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

 

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