महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महान ऋषियों में सम्मिलित हैं। महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि के नाम से भी जाना जाता है। जनपद स्तर पर अयोध्या कुटी में महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती धूम धाम से मनाई गई।
जयंती के अवसर पर महर्षि वाल्मिकी जी के छवि चित्र पर श्री समीर कुमार कश्यप, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद फतेहपुर एवं अवर अभियंता जल, सिविल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर नमन किया और बाल्मिकी रामायण का पाठ किया गया। उन्होने कहा कि महर्षि वाल्मिकी जी की पहचान महाकव्य रामायण से की गई है। रामायण के अध्ययन करने से जीवन को ज्ञान और सद्बुद्धि, शांति आदि प्राप्त होगी । रामायण लिखने का जो इतिहास है उससे हम सभी परिचित हैं। एक विशिष्ट व्यक्ति होने के कारण सामाजिक रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं और बहुत सारे लोग उनसे अपनी प्रेरणा पाते है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मिकी जी समाज के लिये आदर्श हैं उनका जीवन हम सभी के लिये प्रेरणा का श्रोत है।