खागा / फतेहपुर ::-/ नगर के सियाराम मौर्य के आवास पर थाईलैंड से आए बौद्ध भिक्षु मेत्री थेरो ने महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर लोगों से चर्चा की।विशेषकर विपश्यना पर उन्होंने विस्तार से जानकारी दी।इस अवसर पर कुछ लोगों ने महत्वपूर्ण प्रश्न भी किए जिनका बौद्ध भिक्षु ने उत्तर दिया।इसके पहले यूथ बौधिस्ट सोसायटी आफ इंडिया फतेहपुर के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। अंग्रेजी में दिए गए प्रवचन का हिंदी अनुवाद हिमाचल प्रदेश से आए प्रवीण बौद्ध ने किया।विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तम बौद्ध भी उपस्थित रहे।
वाईबीएस के तत्वावधान में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पधारे थाईलैंड के पूज्य भिक्खु मेत्री थेरो ने कहा कि मानव जीवन महत्वपूर्ण है इसलिए किस तरह सुख और शांति का जीवन हो,बुद्ध की शिक्षाओं से संभव होता है। बुद्ध शिक्षा कर्म का फल है।उन्होंने विपश्यना पर विशेष प्रवचन करते हुए बताया कि दुखों से मुक्ति और सुख की प्राप्ति विपश्यना से ही संभव है।एक तरह से यह मेंटल फूड है।इस मौके पर डॉ हेमेंद्र वर्मा ने प्रश्न पूछा कि क्या विपश्यना से समाज में भ्रष्टाचार, छुआछूत,जातिवाद जैसी कुरीतियों का खात्मा होता है।इस पर पूज्य भिक्षु ने कहा कि बिल्कुल संभव है।विपश्यना से जब चित्त शांत होता है तो मनुष्य के अंदर दूसरों की सेवा एवं सहायता का भाव स्थाई रूप से जन्म ले लेता है जिससे भ्रष्टाचार से लेकर तमाम सारी कुरीतियों से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है।पूज्य भंते ने डायनामाइट मोमेंट मेडिटेशन एवं खानपान की विधियां सिखाईं और उसका प्रैक्टिकल भी कराया।उन्होंने बुद्ध विहार थाईलैंड आने का सभी को न्योता भी दिया।
विपश्यना का अर्थ है जो चीज जैसी है उसे उसको सही रूप में देखना।यह एक मानसिक व्यायाम है जो मन और तन दोनों के लिए उपयोगी है।विपश्यना ध्यान खुद को जानने में मदद करता है।यह भारत की सबसे प्राचीन मेडिटेशन तकनीक है जिसे लगभग 26 सौ साल पहले महात्मा बुद्ध ने फिर से खोजा था।प्रवचन के दौरान बताया गया कि प्राणिमात्र की हिंसा,चोरी करने अथवा जो दिया नहीं गया है उसको लेने,लैंगिक दुराचार या व्यभिचार,असत्य बोलने तथा मादक पदार्थों से विरत रहना बुद्ध की मुख्य शिक्षाएं हैं।सेवानिवृत्त कानूनगो रामबचन जी ने विपश्यना के अपने अनुभव शेयर किए।इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश मौर्य, डॉहेमेंद्र वर्मा,रामस्वरूप,सियाराम मौर्य,श्याम जीत मोर्य,महेंद्र गौतम,देवेंद्र गौतम,चंदन मौर्य,उदय भान गौतम, संगीता मौर्या,राधा मौर्य आदि अनेक विशिष्ट लोग भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ पंचशील याचना के साथ हुआ।आयोजक आर एन मौर्य ने प्रारंभिक परिचय दिया।उन्होंने आभार व्यक्त किया।
ब्यूरो रिपोर्ट