जनपद बांदा।
बांदा जनपद में डग्गामार वाहनों की बाढ़ सी आ गई है। जनपद की लगभग सभी प्रमुख रोड़ों में डग्गामार वाहन मनमानी तरीके से यात्रियों से पैसा भी लूटते हैं, एवं मनमानी तरीके से सवारी भर कर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ भी करते हैं। साथ ही कुछ डग्गामार वाहन स्कूली बच्चों को भी स्कूलों तक छोड़ने व लाने का काम कर रहे हैं। लेकिन अपनी क्षमता से तीन से चार गुना यात्रियों व बच्चों को बैठाया जाता है। सभी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में मौन धारण किए हुए हैं।
आपको बतादे की बांदा शहर में बिना रजिस्ट्रेशन के ई रिक्शा चलाते हुए ज्यादातर लोग मिलेंगे साथ ही नाबालिक बच्चे ई रिक्शा चलाते मिल जाएंगे, लेकिन इस पर प्रशासन के द्वारा कोई अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया गया। वही तीन पहिए वाहन में उसकी स्कूली बच्चों को लाना ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होने के बावजूद तीन पहिए के डग्गामार वाहन ऑटो रिक्शा एवं ई रिक्शा सहित अन्य वाहनों में बच्चों को मनमानी तरीके से भर कर उनके जिंदगी से खिलवाड़ करने का काम किया जा रहा है। इस पर प्रशासन को कोई बड़ा कदम उठाते हुए कार्यवाही करनी चाहिए, अगर कोई भी वाहन अपनी मानक से ज्यादा सवारियों को बैठता है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, इसके अलावा छोटे-छोटे नाबालिक बच्चे ई रिक्शा चला रहे हैं।इस पर भी रोक लगाई जानी चाहिए, आप शहर की चाहे जिस रोड में निकल जाए हर रोड में आपको कहीं ना कहीं कोई नाबालिक बच्चा ई-रिक्शा चलाते हुए मिल जाएगा,
कुछ ऑटो चालक एक ऑटो में लगभग 19 से 20 बच्चों को बैठा कर आवागमन कर रहे हैं। लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहे है। इस पर प्रशासन को नकेल कसना चाहिए, और जो भी डग्गामार वाहन स्कूली बच्चों व यात्रियों को मनमानी तरीके से भर कर आवागमन करते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए,
वही सहायक परिवहन अधिकारी बांदा शंकर सिंह से जब इस मामले में बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि जल्द ही इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाया जाएगा, डग्गामार वाहनों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी, लेकिन देखने वाली बात यह है कि आखिर कब डग्गामार वाहनों पर कार्यवाही होगी या किसी बड़े हादसे के बाद ही परिवहन विभाग की नींद खुलेगी।
Crime 24 Hours संवाददाता प्रशांत त्रिपाठी