यूपी के कौशाम्बी जिले में विश्व जनसँख्या दिवस को सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल समेत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया गया। इसके अलावा जनजागरूकता रैली निकालकर समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में सन्देश दिया गया। केन्द्रों पर स्टाल लगाकर भी लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गयी और इन्हें अपनाने के बारे में प्रेरित किया गया।जनजागरूकता रैली को संयुक्त जिला चिकित्सालय से डीएम सुजीत कुमार ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया | कार्यक्रम के दौरान उन्होंने नव-विवाहित जोड़े को परिवार नियोजन के लिए शगुन किट का वितरित भी किया साथ ही जन जागरूकता के लिए रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, रैली संयुक्त जिला चिकित्सालय से प्रारंभ होकर मंझनपुर पीएचसी पर समाप्त की गई ।इसी के साथ डीएम ने प्रचार प्रसार वाहन को भी रवाना किया | ने परिवार स्वास्थ्य कल्याण विभाग की बुकलेट जनसंख्या नीति उत्तर प्रदेश 2021-30 का अनावरण किया |मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुष्पेंद्र कुमार ने कहा कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं ।इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एच .पी मणि ने कहा कि समुदाय में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के माध्यम से दो चरणों में परिवार नियोजन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके पहले चरण में 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया गया, जिसके तहत लक्षित दम्पति को चिन्हित कर परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के प्रति प्रेरित किया गया। अगला चरण जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा का आज से शुरू हो रहा है जो 30 जुलाई तक चलेगा । इसके तहत लक्षित दम्पति को सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के बारे में किशोर-किशोरियों को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में वह सही समय पर सही कदम उठाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रमों में पुरुषों की सहभागिता को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी जिम्मेदारी समझनी चाहिए | छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा बिना पुरुष के अधूरी है।परिवार नियोजन एवं सामग्री प्रबंधक देव प्रकाश यादव ने बताया कि जनपद के हर ब्लाक में जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़े के अंतर्गत रैली निकाल कर लोगो को जागरूक किया गया उन्होंने बताया कि इस मौके पर पीएचसी मंझनपुर व सीएचसी सरसवां में महिला व पुरुष नसबंदी शिविर का भी आयोजन किया गया हैं।