उत्तर प्रदेश

प्रयागराज:- एसटीएफ की टीम ने दो बदमाशों को मार गिराया।

योगी राज: दो और ठोक दिए गए
प्रयागराज(उत्तर प्रदेश)। यूपी के सीएम ने कहा था- ठोक दो। यह वाक्य प्रदेश में क्राइम कंट्रोल के लिए कारगर होती दिख रही। पुलिस का मनोबल ऊंचा हो रहा। अपराधी हतोत्साहित हो रहे। योगी आदित्यनाथ के हाथों जब प्रदेश की कमान मिली तब से लगातार अपराधी ठोके जा रहे हैं। इसी कड़ी में 4 मार्च गुरुवार को पौ फटते ही खबर फैल गयी कि आज एसटीएफ ने दो बदमाशों को मार गिराया। जिले के नैनी इलाके में गुरुवार सुबह एसटीएफ से मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की पहचान वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय और अमजद के रूप में हुई। दोनों ने 2013 में डिप्‍टी जेलर अनिल त्‍यागी की हत्‍या की थी। मुख्‍तार अंसारी और माफिया मुन्‍ना बजरंगी के इशारे पर ये दोनों बदमाश काम करते थे।
वर्ष 2013 में डिप्‍टी जेलर अनिल त्‍यागी वाराणसी जेल में तैनात थे। एसटीएफ सीओ नवेंदु सिंह के अनुसार अनिल त्‍यागी अपराधियों के लिए बेहद सख्‍त और नियम कानून के पक्‍के थे। अपराधी उनसे खौफ खाते थे। वह खुद भी मजबूत कद काठी के थे। जिसके चलते बदमाश उनके डरते थे। वर्ष 2013 की एक सुबह वह वाराणसी के अर्दली बाजार स्थित एक जिम के लिए कार से निकले थे। वह कार पार्क कर जिम के अंदर जा रहे थे। तभी दिनदहाड़े बाइक से पहुंचे दो बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्‍या कर दी। हत्‍या के बाद दोनों बदमाश फायरिंग करते हुए भाग निकले थे। इस वारदात के बाद  दोनों बदमाशों का नाम प्रदेश के टॉप टेन बदमाशों की सूची में आ गया था। इसके बाद तो कोई भी उनके नाम से खौफ खाने लगा
डिप्‍टी जेलर अनिल त्‍यागी के हत्‍या की सुपारी मुख्‍तार अंसारी और मुन्‍ना बजरंगी ने अपने खास शार्प शूटर
बदमाश वकील पांडेय और अमजद को दी थी। डिप्‍टी जेलर अनिल त्‍यागी से मुख्‍तार और मुन्‍ना बजरंगी खुन्‍नस खाते थे।दोनों बदमाश मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के इशारे पर हत्याएं करते थें। कुछ ही महीने पहले भदोही के विधायक विजय मिश्रा ने भी दोनों शूटरों से अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने दावा किया था कि बदमाशों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है।
आज मारे गए बदमाशों के कब्जे से 9 एमएम की पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस और खोखे भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा एक बाइक भी मौके से बरामद हुई है। मुठभेड़ में ढ़ेर बदमाश राजीव पांडे से पिछले साल भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने भी जान का खतरा बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। उन्होंने आशंका जताई थी कि राजीव पांडे के जरिए उनकी हत्या कराई जा सकती है। इतना ही नहीं राजीव पांडे पर झारखंड समेत अलग-अलग राज्यों में भी हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देने का आरोप है। बताया जाता है की दोनों ने झारखंड में भी हत्या की वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। भदोही के दोनों हिस्ट्रीशीटर बुधवार/गुरुवार की भोर में मार गिराए गए।

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