अधिकारियों की मिलीभगत से रातो-रात करोड़पति बन रहे प्लाट माफिया
बांदा। जिले मंे चल रहे अवैध प्लाटिंग को लेकर इस समय जोरों पर चर्चा है। प्लाट माफियाओं के द्वारा नियमों को दरकिनार कर प्लाटिंग कर लोगों को महंगे दामों में बेचने का मामला सोशल मीडिया मे चर्चा का विषय बना हुआ है। जनपद में विगत कई साल से प्लाट माफियाओं का यह सिलसिला अधिकारियों की मिलीभगत से चला आ रहा है, अधिकारी अपना पेट भर रहे है किसान अपने परिवार की जरूरतंे पूरा कर रहे है और प्लाट माफिया रातो-रात करोड़पति बन रहा है।
जानकारी के अनुसार जिले में भू-माफियाओं ने विकास प्राधिकरण की मिली भगत से हजारों बीघा जमीन की प्लाटिंग करके बेच दी है। शहर के ग्रीन बेल्ट के साथ-साथ चारों दिशाओं मे प्लाट माफियाओं ने किसानांे से औने-पौने दामों मंे जमीन का एग्रीमेंट कराकर प्लाट खरीददार को किसानों से ही रजिस्टार कार्यालय मे बुलाकर रजिस्ट्री करा देते है। जानकार बताते है कि प्लाट माफिया इस काम का सुकराना रजिस्ट्री विभाग के लोगों को देते हैं। किसान द्वारा प्लाटिंग की रजिस्ट्री प्लाट माफिया कराते है और सरकार को मिलने वाले तमाम लाभ जीएसटी समेत तमाम टैक्स नहीं मिलते हैं। विकास प्राधिकरण की सह से हो रहे अवैध प्लाटिंग का मामला तब और सुर्खियों में आया जब विगत दिन प्राधिकरण ने एक प्लाट माफिया का अवैध प्लाट को बुल्डोजर से सडकों को ढहा दिया था। लोगों का मानना है कि इस तरह शहर में तमाम अवैध प्लाटिंग चल रही है जिनमे सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया है। विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में हो रहे प्लाटिंग को नजरअंदाज करने और प्लाट माफियाआंे से साठ-गांठ का मामला सोशल मीडिया मंे जमकर वायरल हो रहा है।
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आपस में समझौता करो, हमारा पेट भरना भी जरूरी
बांदा। प्लाटिंग को लेकर विकास प्राधिकरण के जेई का वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि जिले के सबसे बड़े मुखिया का मामला है उसमें हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि लोगों की शिकायत मुखिया के पास पहुंच चुकी है। जेई प्लाट माफियाओं से यह भी कह रहे है कि आपसी समझौता कर लो मामला मेरेे आफिस द्वारा जो नक्शा नजरी का होगा वो सही कर लिया जाएगा। वायरल वीडियो में जेई ने कहा कि हमारा पेट भरना जरूरी है, आप लोग आपस में समझौता कर लें फिर मामला सुलटा दिया जाएगा।
संवाददाता प्रशान्त त्रिपाठी