कौशाम्बी

गजब कौशाम्बी में अब मुर्दे भी गाड़ी ट्रांसफर करते है,प्रशासन बना मूकदर्शक

कौशाम्बी,

गजब कौशाम्बी में अब मुर्दे भी गाड़ी ट्रांसफर करते है,प्रशासन बना मूकदर्शक,

यूपी के कौशाम्बी जिले में परिवहन विभाग का गजब कारनामा देखने को मिला है जहा मुर्दे भी अपनी गाड़ी किसी और के बेच रहे हैं और उन्हें ट्रांसफर कर दे रहे है,ये कहानी नही हकीकत है ,चाहे कहीं ऐसी बातें हकीकत हो या न हो लेकिन एआरटीओ कार्यालय कौशाम्बी में यह सेवा शुरू हो गई है। सूत्रों पर ऐतबार करें तो निचले स्तर से लेकर आलाधिकारी तक पैसे के आगे नाचते हैं। आम आदमी तो केवल कार्यालय के चक्कर काटने तक ही सीमित हो गया है। ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर बड़े से बड़े काम पैसे के आगे नतमस्तक हो जाता है। इतना ही नही यह कार्यालय तो आम आदमी के लिये है लेकिन संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के लिए दुकान बन गई है। अगर सूत्रों पर एतबार करे तो इस कार्यालय रूपी दुकान से प्रतिदिन लाखों का वार-न्यारा होता है, जहाँ सुबह से शाम तक वसूली की जाती है, फिर वो काम अच्छा हो या बुरा, न डर डिप्टी सीएम का है और न ही जनपद के अधिकारियों का ,बस चिंता है तो शिर्फ़ रूपयो की कि किस मद से कितना आ रहा है।मालूम हो एक ऐसा ही मामला सुर्खियों में है जो एआरटीओ के गले की फांस बनता जा रहा है। जिस व्यक्ति की मौत हो जाती है उसके नाम की बाइक को महज 6 दिन बाद दूसरे के नाम ट्रांसफर कर दी जाती है। ऐसे ही न जाने कितने मामले है जो पैसे के आगे नतमस्तक हो रहे हैं। जिन्हें लेकर एआरटीओ कार्यालय के कर्मी से लेकर अधिकारी तक जनपद में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ और सिर्फ मूकदर्शक बने हुए है।

 

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