लगातार 15 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग पर अवैध नर्सिंग होम और पाली क्लीनिक से वसूली का लग रहा है आरोप
सीएमओ की मेहरबानी पर कुछ वर्षों में डॉक्टर लग्जरी गाड़ी आलीशान बंगला अकूत संपत्ति के बन जाते हैं मालिक
कौशाम्बी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता लापरवाही के चलते पूरे जिले में कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर अकुशल अनट्रेंड चिकित्सक क्लीनिक के आड़ में नर्सिंग होम का संचालन कर रहे हैं इन अस्पतालों का एक सूत्रीय उद्देश्य हो गया है कि मरीजों को इलाज के बहाने उनसे धन लूट लेना है मरीज ठीक तो नहीं होते हैं लेकिन कुछ वर्षों में डॉक्टर लग्जरी गाड़ी आलीशान बंगला अकूत संपत्ति के मालिक बन जाते हैं जिले में तमाम ऐसे नर्सिंग होम संचालक हैं जिन्होंने कुछ वर्षों में अकूत संपत्ति कमाई है करोड़ों के आलीशान बंगले और तमाम फ्लैट करोड़ो के कृषि योग्य भूमि के मालिक बन गए हैं लेकिन उसके बाद भी अवैध नर्सिंग होम पाली क्लिनिक पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यवाही करते नहीं दिख रहे हैं इसी तरह का एक अवैध नर्सिंग होम चायल तहसील के सैयद सरावा में बैंक ऑफ बड़ौदा के बगल में संचालित हो रहा है
अवैध तरीके से चलने वाले नर्सिंग होम के पास मरीजों के इलाज का लेखा-जोखा रजिस्टर भी मौजूद नहीं रहता है फिर भी सब कुछ भगवान भरोसे जिले में चल रहा है 2 दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री कड़ी चेतावनी दे गए हैं लेकिन उसके बाद भी सीएमओ के सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है जिससे अस्पताल संचालन काली कमाई का साधन बन गया है जनपद मुख्यालय मंझनपुर सहित जिले के बड़े कस्बों के साथ-साथ गली-गली गांव-गांव अस्पताल का बोर्ड लगा कर इलाज का ढकोसला किया जा रहा है इलाज करने वालों के पास क्या डिग्री है मरीजों का इलाज कर रहे लोगों के पास क्या अनुभव है इसकी जांच करने का प्रयास भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे हैं हालांकि लगातार 15 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग पर अवैध नर्सिंग होम और पाली क्लीनिक से वसूली का आरोप लग रहा है पूर्व में कई सीएमओ अवैध वसूली में दण्डित हो चुके हैं लेकिन फिर भी वर्तमान सीएमओ अवैध नर्सिंग होम पाली क्लीनिक पर कार्यवाही करते नहीं दिख रहे हैं जिससे पुरानी परंपरा में उनके शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता
चायल तहसील क्षेत्र के सैयद सरावा में बैंक ऑफ बड़ौदा के बगल में इसी तरह का एक नर्सिंग होम पाली क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन पर चल रहा है जहां बड़े से बड़े मर्ज के मरीजों के इलाज के नाम पर ठीक करने का झांसा देकर केवल वसूली हो रही है मरीज और उनके परिजनों को अस्पताल पहुंचने के बाद एहसास होता है कि वह गलत अस्पताल में आ गए हैं लेकिन उनका तब तक सब कुछ बिगड़ चुका होता है जिले में अवैध नर्सिंग होम और पाली क्लीनिक की बड़े स्तर से जांच कराए जाने की जरूरत है लेकिन क्या आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा स्वास्थ्य विभाग अवैध नर्सिंगहोम पाली क्लीनिक की जांच कराएगा या उनके घुटनों पर गिरकर अवैध वसूली कर योगी सरकार की छवि पर दाग लगाता रहेगा यह बड़ा सवाल है।