खबर उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से है जहां पर बाँदा जनपद के गांधी पार्क बबेरू में प्रधानमंत्री,एवम पर्यावरण मंत्री व मुख्यमंत्रियों के नाम लिखे गए खून से खत।
“हीरा नहीं हरियाली चाहिए, बुंदेलखंड की खुशहाली चाहिए”, जय जय बुंदेलखंड के उदघोष के बीच आज बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने लहू से खत लिखे एवं आक्सीजन के भीषण संकट काल को देखते हुए हीरा खनन के लिए बुंदेलखंड के बक्सवाहा जंगल की बलि न देने की गुहार लगाई।
पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने साथियों के साथ रिकार्ड 16 बार अपने खून से खत लिख चुके बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के प्रमुख डालचंद्र मिश्र हर बार की तरह वहीं अपना खून निकलवाया फिर पीपल के वृक्ष के नीचे 17वीं बार प्रधानमंत्री को खत लिखा और कहा कि एक तरफ सरकार आक्सीजन प्लांट लगवा रही है और वहीं दूसरी तरफ चंद हीरों के लिए बुंदेलखंड के हजारों साल पुराने बक्सवाहा जंगल जैसे प्राकृतिक आक्सीजन प्लांट खत्म करवा रही है। यह कहां तक न्याय संगत है। मध्यप्रदेश सरकार ने विशाल हीरा भंडार मिलने के बाद आदित्य बिड़ला समूह को 382 हेक्टेयर जंगल 50 साल की लीज पर दे दिया है और वहां लगे 2.15 लाख पेड़ काटने की अनुमति दे दी है। फिलहाल मामला केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास विचाराधीन है। बकस्वाहा जंगल काटे जाने का पूरे देश में विरोध हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर हुई है जिस पर 1 जुलाई को सुनवाई है।प्रभारी अमित यादव ने बताया कि आज बाँदा के अलावा छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, हमीरपुर, महोबा , फतेहपुर व चित्रकूट आदि जिलों में भी पर्यावरण प्रेमी अपने खून से खत लिख रहे हैं। शैलेन्द्र जौहरी ने कहा कि वृक्ष ही हमारे असली हीरा हैं। बुंदेलखंड और दोहन हमें बर्दाश्त नहीं। इस मौके पर प्रभारी अमित यादव ,शास्वत पांडेय ,शुभम कश्यप ,प्रदीप मिश्र ,पप्पू गुप्ता ,राकेस पटेल अध्यक्ष विधानसभा बबेरू समेत तमाम लोगों ने भी खत लिखने के लिए अपना खून दिया।
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संवाददाता – मितेश कुमार