मंझनपुर नगर पालिका में मास्टरमाइंड एक बर्खास्त कर्मी की बताई जाती है अहम भूमिका
सैनिटाइजर खरीद के नाम पर करोड़ों का भुगतान सरकारी खजाने से चहेतों की फार्म को कर दिया
कौशांबी कोविड-19 महामारी से निजात दिलाने के नाम पर नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में सेनीटाइजर के छिड़काव के नाम पर जिले में बड़ा खेल हुआ है नगर पंचायत और नगरपालिका परिषद के जिम्मेदारों ने फर्जी बिल वाउचर लगाकर सैनिटाइजर खरीद के नाम पर करोड़ों का भुगतान सरकारी खजाने से चहेतों की फार्म को कर दिया है और नलकूप का पानी टैंकरों में भर कर के दो लीटर फिनायल डालकर नगर की सड़कों पर छिड़काव कर वाहवाही लूट ली है सेनीटाइजर की खरीद में नगर पालिका और नगर पंचायतों द्वारा किए गए इस हेराफेरी के मामले में यदि शासन ने उच्चस्तरीय जांच कराई तो नगर पालिका और नगर पंचायत के जिम्मेदारों पर शासन का चाबुक चलना तय है हालांकि करोड़ों के हेराफेरी के इस मामले में अभी तक जिला प्रशासन ने मामले को संज्ञान नहीं लिया है यदि जिलाधिकारी ने यदि सेनीटाइजर खरीद की पत्रावली तलब कर ली तो नगर पालिका और नगर पंचायतों के इस गोरखधंधे की कलाई खुलना तय है
सूत्रों की माने तो कोविड-19 महामारी के दौरान नगरों में सैनिटाइजर कराने के नाम पर बड़ा खेल हुआ है नगर पालिका मंझनपुर में पानी के टैंकर में दो बोतल फिनाइल डाल कर नगर की सड़कों को सैनिटाइजर किया जाता रहा और सूत्रों की माने तो फर्जी बिल वाउचर के जरिए नगर पालिका मंझनपुर में इस दौरान करोड़ों रुपए कोविड-19 महामारी में सरकारी खजाने से बेखौफ हो कर जिम्मेदारों ने निकाल लिया है चर्चाओं पर जाएं तो कोविड-19 महामारी में खरीदे गए सैनिटाइजर व अन्य खर्चों में 60 प्रतिशत से अधिक तक कमीशन खोरी हुई है नगरपालिका के कमीशन खोरी के इस खेल में एक माननीय के भी शामिल होने की चर्चाएं आ रही हैं इतना ही नहीं सैनिटाइजर की खरीद में अपने चहेतों को वरीयता देकर चहेते की फर्म को भुगतान कर दिया गया है नगर पालिका मंझनपुर में सेनीटाइजर खरीद के नाम पर सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में जांच कराए जाने की आवाज नगर वासियों ने शुरू की है हालांकि जिले के अन्य नगर पंचायत और नगरपालिका में भी सेनीटाइजर की खरीद के नाम पर बड़ी हेराफेरी हुई है नगरपालिका और नगर पंचायतों के जिम्मेदारों ने कर्मचारियों की सांठगांठ से करोड़ों का बजट सरकारी खजाने से निकाल लिया है मंझनपुर नगर पालिका में मास्टरमाइंड एक बर्खास्त कर्मी की भूमिका अहम बताई जाती है जिसकी सांठगांठ से करोड़ों का भुगतान हुआ है सैनिटाइजर खरीद के नाम पर हुए इस हेराफेरी के मामले में यदि उच्च स्तरीय जांच कराई गई तो जिन फार्म के जरिए सेनिटाइजर की खरीद की जा रही है और जिन्हें सरकारी खजाने से भुगतान किया गया है इस मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे लोगों ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सैनिटाइजर के खरीद के नाम पर किए गए हेराफेरी की जांच कराए जाने की मांग की है
दुर्गेश मिश्र रिपोर्टर