संभलः :- उम्र दराज मरीजों में कूल्हा खराब होने की परेशानी आम बात है, लेकिन आजकल यह कम उम्र युवाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगी है। पहले खराब कूल्हे की सर्जरी के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह सुविधा मुरादाबाद के एशियन विवेकानंद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उपलब्ध है। जिससे मुरादाबाद सहित आसपास के क्षेत्रों अमरोहा, रामपुर, संभल, काशीपुर, बिजनौर के मरीजों को बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ता है। इस विषय पर एशियन विवेकानंद अस्पताल के ऑर्थाेपेडिक एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डॉक्टर मोहम्मद शारिक ने कूल्हा प्रत्यारोपण की नई तकनीकों की जानकारी पर एक कार्यशाला का एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया। 7 इस कार्यशाला में उन्होंने कूल्हे खराब होने के कारण कूल्हे खराब होने से होने वाली परेशानी, कूल्हा प्रत्यारोपण की नई तकनीक एवं उसके फायदे पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कूल्हा खराब होने पर कूल्हे की वॉल एवं कटोरी दोनों खराब हो जाती हैं, यह किसी को भी हो सकता है। मगर युवाओं में जिम में ज्यादा एस्ट्रोराइड इसकी वजह है जिसके कारण कूल्हे कमर एवं दोनों घुटनों में दर्द रहना, चलने में लंगड़ापन पालथी बैठने में परेशानी हो सकती है। डॉक्टर मोहम्मद शारिक ने बताया कूल्हा प्रत्यारोपण एक ऐसी विधि है जिसमें क्षतिग्रस्त कूल्हे की जगह पर कृतिम प्रोस्थेसिस लगा दिया जाता है। इस नई तकनीक के कूल्हे में मरीज कुछ ही दिनों में भागने दौड़ने लगता है। इस नई तकनीक के टाइटेनियम और सेरेमिक धातु के कूल्हों में मरीज उकड़ो और पालथी मार कर भी बैठ सकता है। एशियन विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टर मोहम्मद शारिक जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ पिछले कई साल से कूल्हा प्रत्यारोपण कर रहे हैं उन्होंने बताया कि कोविड-१९ के बाद युवाओं में प्रत्यारोपण सर्जरी कई गुना बढ़ गई है। गरीब मरीजों के लिए आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज हो रहा है। मिनी इंसीजन रिकंस्ट्रक्शन. अत्याधुनिक मॉड्यूलर ओ.टी. और कंप्यूटर नेविगेशन से यह सर्जरी बहुत ही सरल व सुरक्षित है व दोनों कूल्हों की सर्जरी एक ही बार में हो जाती है। एशियन विवेकानंद अस्पताल द्वारा प्रत्येक वर्ष मार्च माह में जोड़ प्रत्यारोपित मरीजों के लिए पैदल रेस फुटबॉल मैच साइकिल रेस आदि का भी आयोजन किया जाता है।
Crime24hours/संवाददाता सुलेन्द्र सिंह