नगर पंचायत के वार्डों के आरक्षण निर्धारण में फिर फेरबदल
लार। अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जिलाधिकारी को भेजे गए 4 नवम्बर के पत्र के निर्देशों के पालन में नगर पंचायत लार के वार्डों के आरक्षण में फिर फेरबदल की संभावना बढ़ गयी है। पहले चार नवम्बर तक वार्डों के आरक्षण मांगे गए थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लार के 16 वार्डो में गयागिर-अनुसूचित महिला, वैष्कर्णी-अनुसूचित जाति, भरटोलिया-पिछड़ी महिला, शास्त्रीनगर, घारी व बौली पिछड़ा वर्ग, धवरिया व मठ महिला, फतेहनगर, इंदिरानगर, बाजार वार्ड, कोइरीटोला, चौक, हरिजनबस्ती और तिवारी तोला-अनारक्षित तथा पिपरा वार्ड महिला के लिए शासनादेशों के अनुसार चक्रानुक्रम में सम्भावित थे। अब शासन के 4 नवम्बर के नए निर्देश के अनुपालन में एक बार फिर परिवर्तन के आसार हैं।
इस संबंध में नगर पंचायत लार के अधिशासी अधिकारी राजन नाथ तिवारी ने कुछ भी बताने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि जो कुछ होगा, जिलाधिकारी के यहाँ से ही तय होगा। शासन के निर्देश का शत प्रतिशत पालन करते हुए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा रही है।
क्राइम 24 आवर्स ने जब शासन के पत्र का अध्ययन किया तो पाया गया कि
उक्त संबंध में अधिनियम एवे नियमावली के प्राविधानों के संबंध में न्याय विभाग द्वारा विधिक परामर्श प्राप्त किया गया है। न्याय विभाग के परामर्श के आलोक में उक्त 02 बिन्दुओं के संबंध में वस्तुस्थिति निम्नवत् स्पष्ट की गयी है :
प्रथम बिन्दुः- उoप्रo नगर पालिका परिषद ( स्थानों और पदों का आरक्षण एवं आवंटन ) नियमावली, 1994 यथासंशोधित नियमावली 2011 के प्रस्तर – 2 (ड) में निम्नवत् व्यवस्था प्राविधानित है:
“ऐसे कक्ष, जिनमें किसी निर्वाचन में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों, पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों अथवा महिलाओं को स्थान आवंटित किये गये थे, अगले होने वाले निर्वाचन में क्रमश: अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों या महिलाओं को आवंटित नहीं किया जायेंगें और ऐसे अनुवर्ती निर्वाचनों में कक्षों के स्थानों का आवंटन खण्ड (क), (ख). (ग) और (घ) में संदर्भित क्रमानुसार चक्रानुक्रम में किया जायेगा।”
उक्त विधिक प्राविधान से यह स्पष्ट है कि संबंधित वर्गों यथा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों, पिछड़े वर्गों अथवा महिलाओं का आरक्षण पूर्व के निर्वाचन में किया गया है, उसे अनुवर्ती निर्वाचन में उन वर्गों को आवंटित नहीं किया जायेगा। यह नियम उर्द्धव आरक्षण (Vertical Reservation) के संदर्भ में है न कि क्षैतिज आरक्षण (Horizontal Reservation) के संबंध में है।
अतः वर्ग विशेष में महिलाओं को यदि 2017 में जो कक्ष किसी वर्ग (अनु० जाति / अ०जनजाति/ पिछड़ा वर्ग / अनारक्षित) की महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ था, उसे किसी अन्य वर्ग (अनु० जाति / अ०जनजाति / पिछड़ा वर्ग / अनारक्षित) की महिला के लिए आरक्षित किया जा सकता है। इसमें कोई अवरोध नहीं प्रतीत होता है।
द्वितीय बिन्दुः- “किसी निकाय / वार्ड के अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु सीटें आरक्षित करने में यदि भाजक के आधे से अधिक है तो भागफल में एक बढ़ाया जायेगा, किन्तु निकाय के कुल वार्डों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटों का आरक्षण, 27 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।”