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श्रृंगवेरपुर धाम तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाना अति आवश्यक

 

श्रृंगवेरपुर धाम / प्रयागराज ::-  तीर्थो राज संगम नगरीय प्रयागराज से 38 किलोमीटर दूर प्रभु श्री राम की कर्म भूमि व श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली श्रृंगवेरपुर धाम में पाँच दिवसीय 33 वे राष्ट्रीय रामायण मेला के विद्वत सम्मेलन के साथ समारोह में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य बतौर मुख्य अतिथि ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र घोषित होने से श्रृंगवेरपुर धाम कि जहां एक और महिमा और गरिमा में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर बहुत सारे अनैतिक कार्य जो तीर्थ क्षेत्र में नहीं होने चाहिए वह बंद होंगे और भविष्य में श्रृंगवेरपुर धाम एक बड़े तीर्थ के रूप में परिणित होगा श्री महाराज जी ने कहा प्रभु का कार्य सदैव करते रहना चाहिए जीवन में उसे कभी बंद नहीं होने देना चाहिए जिस स्थल पर प्रभु श्री राम कभी आए थे उस स्थल पर आकर आनंद की अनुभूति हो रही है अखंड भारत की परिकल्पना हमारे ऋषि-मुनियों ने की थी जिस पर वर्तमान सरकार के द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है इससे आने वाले समय में समूचे भारत में सनातन धर्म का ध्वजा लहराए गा मनुष्य को अपने जीवन में यदि सुखी रहना है तो उसे प्रभु की शरण में आना ही होगा आज के समय में भी वृक्ष पर्वत नदियां सभी अपना अपना कार्य कर रही हैं किंतु मनुष्य अपने निजी स्वार्थों के कारण साधना आराधना से दूर होता चला जा रहा है जिसे पुनः वापस आकर वेद के सिद्धांतों पर चलने की आवश्यकता है शंकराचार्य जी महाराज ने राष्ट्रीय रामायण मेला के आयोजन की सराहना करते हुए आयोजकों तथा क्षेत्रीय जनों को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी
समारोह की अध्यक्षता करते हुए गऊघाट के संत स्वामी श्री जयराम दास जी महाराज ने सीताराम नाम संकीर्तन से होने वाले लाभ के बारे में बताया
इस अवसर पर राष्ट्रीय रामायण मेला आयोजन समिति द्वारा सभी संत महात्माओं विद्वानों व उपस्थित क्षेत्रीय जनों को विधायक गुरु प्रसाद मौर्या के द्वारा श्रृंगवेरपुर धाम का प्रतीक चिन्ह अंगवस्त्रम स्मारिका तथा श्री रामचरितमानस की पुस्तक सम्मान पत्र आदि भेंट कर सभी को सम्मानित किया गया
तथा विनोद आनंद सरस्वती जी महाराज ने इस अवसर पर श्री राम कथा के माध्यम से प्रकाश डाला आए हुए अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय विधायक श्री गुरु प्रसाद मौर्या राष्ट्रीय रामायण मेला के अध्यक्ष डॉ बालकृष्ण पांडे उपाध्यक्ष ,जेएन यादव, उपाध्यक्ष सियाराम सरोज, संयुक्त मंत्री अमित द्विवेदी, चंदन शुक्ला, प्रतिमा मिश्रा आदि ने किया जबकि संचालन राष्ट्रीय रामायण मेला के महामंत्री उमेश चंद्र द्विवेदी के द्वारा किया गया इस अवसर पर प्रधानाचार्य राजमणि शास्त्री, अवध नारायण मिश्रा, शैलेंद्र कुमार शुक्ला, स्वामी राघव दास ,आसाम से पधारे जूना अखाड़ा के महंत अनुपम मिश्रा आदि के साथ सैकड़ो की संख्या में महिलाएं व पुरुष उपस्थित रहे ।।।

Crime24hours/संवाददाता रवि पटवा

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