अमौली/फतेहपुर
अमौली विकास खंड के अंतर्गत ग्राम सभा मदरी के मजरे मिर्जापुर गाँव मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा शुक्रवार को समापन के अवसर पर यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद पाया। कथा व्यास आचार्य राधा शास्त्री ने सात दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा की महिमा बताई। कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन शुक्रवार को विधिविधान से पूजा करवाई।श्रद्धालुओं ने भी हवन में आहुति दी और भंडारे का प्रसाद पाकर झूम उठे इसी मौके पर समस्त ग्रामवासी व क्षेत्रवासी मौजूद रहे ।
क्राइम 24hours न्यूज़ चैनल फतेहपुर से संवाददाता रोहित सिंह चौहान की रिपोर्ट