बांदा 26 सितंबर 2022
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती के अवसर पर मिशन शक्ति अभियान-3 के अन्तर्गत बेटी पढाओ, बेटी बचाओ के तहत ‘‘नवेली-बुन्देली कन्या जन्मोत्सव’’ अभियान का शुभारम्भ 25 दिसम्बर, 2021 में इसी 300 शैय्या युक्त महिला जिला अस्पताल के प्रेक्षागृह में सम्पन्न हुआ था, जिसमें 11 नवजात बच्चियों का जन्मोत्सव मनाया गया था और केक काटा तथा सोहर भी गाये गए थे। आज उसी क्रम में आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल आरपी सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक विपिन कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में ‘‘नवेली-बुन्देली कन्या जन्मोत्सव’’ कार्यक्रम उपरोक्त स्थल पर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष भा0ज0पा0 संजय सिंह, जिलाधिकारी अनुराग पटेल, पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रशिक्षु आई0ए0एस0 जगत सांई, नगर मजिस्ट्रेट राजेश वर्मा, उप जिलाधिकारी सदर सुरभि शर्मा, तहसीलदार सदर पुष्पक, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती वन्दना गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पुरूष एस0एन0मिश्रा, महिला अधीक्षिका श्रीमती सुनीता सिंह, जिला प्रोबेसन अधिकारी मीनू सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रिन्सी मौर्या सहित जनपद स्तरीय अधिकारी एवं पत्रकार गण उपस्थित रहे।
आज शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन नवेली-बुन्देली कन्या जन्मोत्सव का आयोजन उपरोक्त स्थल पर सम्पन्न हुआ, जिसमें 10 बच्चियों का जन्मोत्सव केक काटकर तथा सोहर गीत गाकर हर्साल्लास के साथ मनाया गया। बच्चियों की माता श्रीमती आरती पाल, श्रीमती सनैना देवी, श्रीमती आरती, श्रीमती पूनम, श्रीमती डाली, श्रीमती चन्द्रकली, श्रीमती कोमल, श्रीमती शिवरानी, श्रीमती बबिता देवी, श्रीमती माया की नवजात बच्चियों का जन्मोत्सव हर्षाल्लास के साथ महिला जिला अस्पताल में मनाया गया और जन्म प्रमाण देकर माताओं को सम्मानित किया गया।
आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल आर0पी0सिंह ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिलाधिकारी बांदा द्वारा चलाये जा रहे नवेली-बुन्देली कार्यक्रम जो बहुत ही सराहनीय कार्य है। उनके द्वारा जनपद में जनता के लिए अन्य विभिन्न प्रकार के नवाचार कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जो समाज के लिए बहुत उपयोगी एवं लाभ परक हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप सभी को ज्ञात होगा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा बच्चियों के आत्म निर्वाह हेतु विभिन्न प्रकार यथा श्रम विभाग द्वारा संचालित मातृत्व शिशु एवं बालिका प्रोत्साहन योजना, महिला कल्याण विभाग में संचालित मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना, जननी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, मातृत्व शिशु हित लाभ एवं बालिका मदद योजना आज चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब समाज की शोंच बदल रही है तथा कन्या को भार न समझकर उसके पैदा होने पर बच्चों के जन्म जैसे हर खुशियां मनायी जाती है तथा अब हर क्षेत्र में महिलायें ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रतिनिधित्व कर रही हैं और आर्थिक स्वावलम्बी बन रही हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इस योजना से हमारी बुन्देलखण्ड की बेटियां आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनेगीं। उन्होंने सभी मातृ शक्तियों से अनुरोध किया कि अब अपने घरों के साथ-साथ लोंगो को जागरूक करें और अच्छी शिक्षा-दीक्षा देकर स्वावलम्बी बनायें। आज नवरात्रि के प्रथम दिवस जन्मी इन 10 बेटियों का नाम मॉ शैलपुत्री के नाम पर ‘‘शैलजा’’ रखा जाता है। उन्होंने कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता।
पुलिस उप महा निरीक्षक विपिन मिश्रा ने कहा कि जिस तरह जिलाधिकारी बांदा ने निजी प्रयासों से इस नवेली-बुन्देली पहल का शुभारम्भ किया है, यह बहुत ही प्रशंसनीय पहल है। लोग कहते हैं बेटे सौभाग्य से जन्म लेते हैं परन्तु बेटियां परम सौभाग्य से जन्म लेती हैं। उन्होंने समस्त मातृ शक्तियों से आव्वाहन किया कि बेटे और बेटियों तथा बहू में फर्क न करें। बहू को भी बेटी समझे और दहेज इत्यादि की मांग न करें, दहेज जैसी कुरीतियों से परहेज करें क्योंकि दहेत से उत्पीडित व्यक्तियों द्वारा अकसर सास एवं ननंद के विरूद्ध ही कार्यवाही करायी जाती है। उन्होंने कहा कि मुझे पुलिस सेवा का 33 वर्षों का अनुभव है, महिला ही महिला की सबसे बडी शत्रु होती है। इसीलिए अब समय बदल गया है आप सभी लोंगो से आव्वाहन है कि पहले सास मॉ बन जाए फिर इस तरह नवेली-बुन्देली कार्यक्रम की जरूरत ही नही पडेगी और मातृ शक्तियों के रूप में अपनी जिम्मेदारी को समझें, अपनी बच्चियों को पढायें, लिखायें तथा प्रगति पथ की ओर अग्रसर करें। उन्होंने सभी के स्वस्थ्य एवं सुखी जीवन की कामना की।
जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘‘नवेली-बुन्देली’’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि बालक-बालिकाओं के बीच बढ रहे लैंगिग भेदभाव को कम करना तथा बालिकाओं के लिए सरकार द्वारा संचालित समस्त योजनाओं से लाभान्वित कराना। अभिभावकों का बालिकाओं के प्रति सम्मान बढाना, कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण करना और जनपद के लैंगिक अनुपात में सुधार करना और आम-जनमानस में जागरूकता फैलाना। जैसा कि आप सभी लोंगो को ज्ञात होगा कि बेटों की अपेक्षा बेटियां माता-पिता का ज्यादा ध्यान रखती है। नवजात बच्चियां इस अभियान के तहत अपना आगे आने वाले समय में लक्ष्य तय कर जनपद के साथ-साथ देश व प्रदेश का नाम भी रोशन करेंगी। जिलाधिकारी ने बताया कि अभी तक ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में 10697 बच्चियों ने जन्म लिया है तथा 10697 बच्चियों को जन्म प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। 10697 बच्चियों को टीका लगाया जा चुका है तथा 7252 बच्चियों की माता को जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया जा चुका है, 2418 प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना का लाभ दिया जा चुका है, 2935 मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिया जा चुका है तथा 1813 मातृत्व शिशु हित लाभ एवं बालिका मदद योजना से लाभान्वित कराया जा चुका है। जिलाधिकारी ने नवेली-बुन्देली बच्चियों के माता-पिता को सहदय धन्यवाद ज्ञापित किया और लोंगो से अपील किया कि हमेशा नारियों का सम्मान करें। आज आप देख रहे हैं कि सबसे ज्यादा योगदान महिलाओं का होता है और कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराती हैं तथा कार्य एवं दायित्वों का भली-भांति निर्वहन भी करती हैं। नवरात्रि के प्रथम दिवस पर जन्मी इन 10 बच्चियों एवं उनकी माताओं को शुभकामनायें देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
Crime 24 Hours / ब्यूरो रिपोर्ट